नींबू से उतरा क्या करें,हमे तो ज़िम्मेदारियों ने संभाला हैं । -
नींबू से उतरा क्या करें,हमे तो ज़िम्मेदारियों ने संभाला हैं ।
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मुट्ठी की रेत से फिसले, ना जाने तुम कैसेतुम्हे तो हमने, डायरी के पन्नों में छिपा रखा था । -
मुट्ठी की रेत से फिसले, ना जाने तुम कैसेतुम्हे तो हमने, डायरी के पन्नों में छिपा रखा था ।
निकल पड़ा हूँ सफर पे,अब या तो मुझे मंजिल मिलेगी,या खुद को मैं मिल जाऊंगा । -
निकल पड़ा हूँ सफर पे,अब या तो मुझे मंजिल मिलेगी,या खुद को मैं मिल जाऊंगा ।
It comes in a fucking pack of two,the night, with the 'thoughts' of you. -
It comes in a fucking pack of two,the night, with the 'thoughts' of you.
हाँ, मुझे रात पसंद है,पर ना तू पसंद है,ना तेरी याद पसंद है । -
हाँ, मुझे रात पसंद है,पर ना तू पसंद है,ना तेरी याद पसंद है ।
जिस ओर भी मैं चला,फिर उसी मोड़ पे आ कर हु रुका,मुझमे ही है कुछ ऐसा ?या तेरे श्राप से श्रापित है ये दुनिया । -
जिस ओर भी मैं चला,फिर उसी मोड़ पे आ कर हु रुका,मुझमे ही है कुछ ऐसा ?या तेरे श्राप से श्रापित है ये दुनिया ।
तन्हाई है छाई आज फिर से, रात फिर बिना नींद के कटेगी ।बवंडर है उठा शब्दो का,आज फिर कोई शाएरी बनेगी । -
तन्हाई है छाई आज फिर से, रात फिर बिना नींद के कटेगी ।बवंडर है उठा शब्दो का,आज फिर कोई शाएरी बनेगी ।
ये तो मुँह है जो बोलते बोलते थक जाता है,सांसे बोलने से कब बाज आती है । -
ये तो मुँह है जो बोलते बोलते थक जाता है,सांसे बोलने से कब बाज आती है ।
तक तो तुम थे यहाँ,हमने आँखे क्या खोलीतुम तो खवाबो की तरहगायब हो गए । -
तक तो तुम थे यहाँ,हमने आँखे क्या खोलीतुम तो खवाबो की तरहगायब हो गए ।
मैं किसी जाने-पहचाने से मोड़ पे तेरा इंतज़ार करूँगा,तू किसी अनजान सी गुज़र जाना । -
मैं किसी जाने-पहचाने से मोड़ पे तेरा इंतज़ार करूँगा,तू किसी अनजान सी गुज़र जाना ।