तो अपनी कामयाबी दिखाओ। सुनाना है तो उसका शोर सुनाओ। बताना है तो उस सफ़र का अनुभव बताओ। समझाना है तो उस हार-जीत के सबक से समझाओ। और छुपाना है तो उसके पीछे का संघर्ष, संघर्ष करते वक्त तक ही छुपाओ। क्योंकि संघर्ष जितना कम उजागर होगा, तो सफलता के चांसेज उतने अधिक होंगे।
की मिसाल देने, मैं अल्फाज़ नहीं जुटा पाती हूं। जो तुझे देख लूं मैं एक दफा, मेरे हर गुनाहों की सजा माफ पाती हूं। इंसान की सूरत में तू मुझे, उसका कोई करिश्मा नहीं, बल्कि तुझे ही रब सा पाती हूं।।
तो तब हों, जब कोई शख्स प्यार में हों। हमें तो ये प्यार-मोहब्बत वाली रील्स भी सिर्फ स्टेटस पर लगाने तक ही अच्छी लगती है। रब ने न जाने कैसी सूरत बनाई है कि लोगों को हम प्यार के मरीज जान पड़ते है। और आजकल के ये नए-नए निब्बा-निब्बी, हमें अपना गूरू समझ, सलाह-मशवरा करने आते है।