वो रोए तो बहुत पर मुझसे मुॅ॑ह मोङकर रोए, कोई मज़बूरी होगी जो दिल तोङ कर रोए, मेरे सामने कर दिए.....मेरे तस्वीर के टुकङे, पता चला मेरे पीछे वो उन्हे जोङ कर रोए॥
फूलों सी कोमल हृदय वाली होती हैं बेटियाॅ॑, माॅ॑- बाप की एक आह पर ही रोती हैं बेटियाॅ॑, भाई के प्रेम में खुद को भुला देती हैं बेटियाॅ॑, फिर भी आज गभऺ में जान खोती हैं बेटियाॅ॑,
बिछङ कर आपसे हमको खुशी अच्छी नही लगती, लबों पर ये बनावट की हॅ॑सी अच्छी नही लगती, कभी तो खूब लगती थी मगर ये सोचते हैं हम, कि मुझको क्यों मेरी ये जिन्दगी अच्छी नही लगती॥