एक रोज़
किताबों की दुनिया ....
किताबों के पन्नो की सरसराहट ,
और उन सरसराहटों में सुकून ।
कुछ भूली बिसरी कहानियां ,
कहानियों में खुद का अहसास ,
कहानियों की शुरुआत ,
और कुछ आसपास ।
फिर दुनिया वर्तमान में नहीं ,
आंसू , खुशी , दुख , उत्साह और आनंदमयी ।
फिर जिंदगी मेरी नहीं ,
मैं – मैं नहीं ,
मैं जुड़ जाती हूं उस पात्र से ।
written by ✍️ चंद्रविद्या उर्फ रिंकी
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