याद है मुझे वो तेरा ज़ुल्फों को संवारना,
तेरा यूँ मेरा हाथ थाम कर चलना...।
याद है मुझे...।
याद है मुझे वो तेरी हर बेपरवाह नादानी,
जो साथ बिताई थी हमने वो शाम सुहानी...।
फिर तेरा यूँ मेरे काँधे पर सर को झुकाना,
होले-होले से धीरे-धीरे से फिर तेरा शर्माना...।
याद है मुझे...।
याद है मुझे वो तेरी हर बचकानी बाते,
जिसे सुन ने के लिए जागा था मैं कई राते...।
फिर तेरा वो बात बात पर यूँ नखरे दिखाना
और तेरे रूठते ही मेरा तुझे मनाना...।
याद है मुझे...।
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