Chandra kanta Jain  
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Joined 11 November 2019


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5 HOURS AGO

ए चांद मेरे तुम रहना पास मेरे
हो दूर भी, तुम पर रहना साथ मेरे
अनेकों तारे रहेंगे आसपास,
पर तुम बनकर रहना खास मेरे।

ए चांद मेरे दोस्त तुम बातें करना,
अंधेरी रातों में हाथ थामे रहना,
दिल की बातें खुलकर तुम कहना,
हो अमावस तो दूर कहीं चलना।

बैठेंगे सुबह तलक साथ तेरे,।
समझेंगे हर एक एहसास तेरे,
हे चांद मेरे तुम रहना पास मेरे,
हो दूर भी, तुम रहना साथ मेरे।।

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12 HOURS AGO

सहारे इंसान को खोखला कर देते हैं
और उम्मीदें कमजोर कर देती हैं...
अपनी ताकत के बल पर जीना शुरू कीजिए,
आपका आपसे अच्छा साथी और
हमदर्द कोई नहीं हो सकता।

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18 MAY AT 13:01

अंजाम- ए- मोहब्बत की अगर फिक्र होती,
तो हम तेरा तस्व्वुर ख्वाबों में भी ना करते।

करते बेशक छुप- छुप के मोहब्बत तुझसे,
चश्म-ए-नाज से आंखें एक ना करते।

लाख रंजिशे होतीं और तुम आ जाते,
तेरे लबों की लरजिशों को आंखों से पढ़ लेते।

बिखर से जाते हम मंजर- ए- नायाब देख कर,
चाह के भी खुद को फिर एक ना करते।

अगर तुम आते भी मिलने तन्हाई में हमसे,
चाह के भी इजहार -ए- तमन्ना तुझसे एक ना करते।

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18 MAY AT 6:50

जो हुआ, छोड़ आगे बढ़, जाने दे,
है मुश्किल पर कल को पीछे ना आने दे
माना बुरा हुआ पर अच्छा भी होगा
रुक तो जरा,
वक्त को अपना रंग दिखाने दे।

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17 MAY AT 13:22

कितनी ऊषा कितनी संध्या तुमने गुजारी भोग में?
कितने कुसुमों के प्याले तोड़े काम तृप्ति के योग में?

जिस ग्वालिन की गगरी ऊपर मन ललचाया वो ठिठक गई।
जिस प्याली को हाथ लगाया अपने- आप वो छलक गई।।

फिर भी ना मन संतोष को पाया तृप्ति भागी दूर-दूर।
हाय रे भोगी तेरी किस्मत तेरे प्रति कितनी क्रूर- क्रूर।।

जीवन पथ पर अथ से इति तक पल भर मिला विराम नहीं।
मिली ना मंजिल खोया सब कुछ जीवन गया बेकाम यहीं...

अब अंतस में कर अन्वेषण भोग से सरक कर दूर-दूर
ज्ञान ध्यान में डूब बावले, मोह को करने चूर-चूर।

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16 MAY AT 13:59

मेरी जिस्म में खून से ज्यादा तेरा प्यार बहता है,
मेरी जिंदगी के हर लम्हे में मुझे तेरा इंतजार रहता है।
वैसे देते नहीं किसी को एक चीज भी अपनी मगर,
मेरे दिल के कतरे कतरे पर तेरा अधिकार रहता है।

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15 MAY AT 13:42

परिवार यानी क्या?
बंधन नहीं होते
लेकिन व्यवस्था होती है।
कायदे नहीं होते लेकिन
अनुशासन होता है।
भय नहीं होता
लेकिन भरोसा होता है।
शोषण नहीं होता
लेकिन पोषण होता है।
आग्रह नहीं होता
लेकिन आदर होता है,
संपर्क नहीं होता
लेकिन संबंध होता है।
अर्पण नहीं होता
लेकिन समर्पण होता है।

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14 MAY AT 16:15

नजर से दूर है फिर भी फिजा में शामिल है,
कि तेरे प्यार की खुशबू हवा में शामिल है।
हम चाह कर भी तेरे पास आ नहीं सकते,
कि दूर रहना भी मेरी वफा में शामिल है।

आपकी यात्रा सफल हो प्रिय मित्र👍🌹

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14 MAY AT 10:35

मैं मां गौरी जैसी सर्व गुण संपन्न नहीं,
ना मुझ में 36 गुणों का वास है,
पर प्रेम तुमसे अनंत मेरा और इस प्रेम
का प्रमाण मेरी भावना निःस्वार्थ है
मैं कृष्ण की राधा जैसी प्रेम का प्रतीक
नहीं बन सकती, ना मुझे जन्मों जन्मों का ज्ञान है
मैं अलबेली अनोखी नारी सही,
पर मुझे छल रहित प्रेम का भान है
शिव शक्ति से परिचित हैं जिन्होंने
तपस्या की जिन्हें प्रेम में विरह का अनुमान है
मैं उतनी सहनशक्ति से सज्ज नहीं,
पर लगाना अनुमान जैसे फूल
"अंकुर" के बिना नहीं खिल सकता
वैसे ही अगर तुम्हारा प्रेम ना हो समक्ष
तो मेरे संपूर्ण जीवन पर विराम है
मात पिता के सात वचन उनमें तो
आपसी प्रेम का व्यवहार है,
मुझ में मां जैसी तुम्हें चाहने की क्षमता
नहीं
पर प्रेम मेरा तुमसे हर सातों वचन से पार है।

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13 MAY AT 19:30

कभी आकर के देख ले मेरी आंखों में भी,
तेरी तस्वीर के आगे कोई नजारा ही नहीं।
खो गए हैं तेरे इश्क में इस कदर कि,
अब तेरे बिना कहीं मेरा गुजारा ही नहीं।

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