ढूँढ ही लूँगा, कहीं तो मिलेगा।किताबों में रखा प्रेम मेरा ,खो गया है कहीं शब्दों में।। -
ढूँढ ही लूँगा, कहीं तो मिलेगा।किताबों में रखा प्रेम मेरा ,खो गया है कहीं शब्दों में।।
-
आसान बहुत होता है लिख के मिटाना,कठिन होता है, मिटते को बचाना।। -
आसान बहुत होता है लिख के मिटाना,कठिन होता है, मिटते को बचाना।।
मैं भी तुम्हें छूना चाहता हूँ, मन के एक छोर से दूसरे छोर तक।जैसे कलम छूती है ,पन्नों में खींची रेखाओं को।। -
मैं भी तुम्हें छूना चाहता हूँ, मन के एक छोर से दूसरे छोर तक।जैसे कलम छूती है ,पन्नों में खींची रेखाओं को।।
मैं गिरता गया , उसे उठाने की कोशिश में,वो इतना उठा की खुदा हो गया ।वो रहबर बना , मैं रहगुज़र हो गया।। -
मैं गिरता गया , उसे उठाने की कोशिश में,वो इतना उठा की खुदा हो गया ।वो रहबर बना , मैं रहगुज़र हो गया।।
तुम अक्सर नाराज होती होगी ,सारी बातें जो मैं तुमसे नहीं बोलता।बातें सारी कह के मैं खाली क्यों हो जाऊँ,तेरे बाद मेरे पास,तेरा कुछ तो होना चाहिए।। -
तुम अक्सर नाराज होती होगी ,सारी बातें जो मैं तुमसे नहीं बोलता।बातें सारी कह के मैं खाली क्यों हो जाऊँ,तेरे बाद मेरे पास,तेरा कुछ तो होना चाहिए।।
मेरे बाद किताबों में सूखे फूल पाओगे जब,एक पागल अडियल याद आयेगा,नथुनों में दौड़ जायेगी जानी-पहचानी गंध ,ख़ालिस महकते कस्तूरी सा।। -
मेरे बाद किताबों में सूखे फूल पाओगे जब,एक पागल अडियल याद आयेगा,नथुनों में दौड़ जायेगी जानी-पहचानी गंध ,ख़ालिस महकते कस्तूरी सा।।
वो दौर कुछ और था , जब प्यार का इज़हार करते नज़र झुक जाती थी।नज़र नहीं झुकती हैं अब प्यार में,उठी पलकों को ही अब तुम प्यार का सलाम समझो।। -
वो दौर कुछ और था , जब प्यार का इज़हार करते नज़र झुक जाती थी।नज़र नहीं झुकती हैं अब प्यार में,उठी पलकों को ही अब तुम प्यार का सलाम समझो।।
प्रेम में अक्सर हादसे अजीब होते हैं,कुछ पथ्थर बनते हैं,कुछ खुदा होते हैं।कुछ रहनुमा बनते हैं, कुछ रक़ीब होते हैं।। -
प्रेम में अक्सर हादसे अजीब होते हैं,कुछ पथ्थर बनते हैं,कुछ खुदा होते हैं।कुछ रहनुमा बनते हैं, कुछ रक़ीब होते हैं।।
अमर प्रेम होने के लिए दोनों पक्ष जरूरी है ।एक पक्ष होने पर, चाँद भी अँधेरे में डूब जाता है ,दोनों पक्ष होने से अमर हो जगमगाता है ।। -
अमर प्रेम होने के लिए दोनों पक्ष जरूरी है ।एक पक्ष होने पर, चाँद भी अँधेरे में डूब जाता है ,दोनों पक्ष होने से अमर हो जगमगाता है ।।
उसे देखे बिना देख सकता हूँ ,उसे छूये बिना छू सकता हूँ ,बिना बात किये बातें करता हूँ ,उसके लाख मना करने पर भी साथ रहता हूँ।। -
उसे देखे बिना देख सकता हूँ ,उसे छूये बिना छू सकता हूँ ,बिना बात किये बातें करता हूँ ,उसके लाख मना करने पर भी साथ रहता हूँ।।