मुझे कुछ कहना है ,मन की कुछ बातो को
शब्दो मे लिखना है..
कहा से शुरू करू ये पता नही लग रहा है..
पर कहना अब जरूरी हो गया है...
बहोत बार किसीने ,कही बनकर तोडा मुझको है...
ना जाने कीस जनम का बदला लिया है उसने,,
खैर जो हुआ सो हुआ .....
अब नही सहेन होता है मुझसे ....
हजार बार मुडकर देखा है गिराते हुये मैने खुदको...
मेरे मुडने को वो लाचारी बनाता रहा
इस बेबसी को उसने खुद को बडा बनाने केलिये हत्यार बनाया...
आज भी कहा वो सुधरा,आज भी वो नयेनये रूप मे आकर है वो मुझपर शब्दो के घाँव लगाता...
शायद कोई सच कहता है ,वो मुझे निकालने की कोशीश मे जुडा है ....
इसलिये तो वो मुझे निचा दिखाने की कोशीश मे रात दिन जुडा है...
खैर छोडो ये बाते,अब इसमे कोई खासियत नयी नही..
बस यही कहना था की अब हमे पिछे नही मुडना है...💯
पिछे नही मुडना है...💯
-