मत पूछो दोस्त मुझसे तबीयत मेरी- बस यू समझ लो कि अच्छी नहीं है.. कल देखा था मैंने उसे किसी गैर के साथ-कोई तो कह दे ये बात सच्ची नहीं है.. और दर्द देने को मज़ाक बताया करती है, अबे यार तू इतनी भी बच्ची नहीं है.. मेरे अलावा कोई बेवफा नहीं कहेगा उसको- देखो यार ये बात अच्छी नहीं है..
क्या बताऊँ कि कैसे दौर से गुज़रा हूँ, मैं सन्नाटे मे शौर से गुज़रा हूँ.. उसने बिछाई थी तमाम खुशियाँ रास्ते मे मेरे,मलाल है उसे मै कहीं और से गुज़रा हूँ..