तुम्हें पता है...मैं कुछ लिखना चाहता हूं तुमपे ,कुछ खास... बहुत खास ,पर तुम्हारी ये सुंदरता ,शालीनता ,निर्मलता देखके मेरे शब्द थोड़े कम से पड़ जाते हैं... मेरे कलम शब्दों की तलाश में ठहर से जातें हैं...तुम्हे देख कर...
मेरे जेहन में तुम्हारी एक अलग तस्वीरों का भंडार सा हो चला है... और उसमे से कोई एक अच्छी तस्वीर निकालना बड़ा मुश्किल काम होता है मेरे लिए...ऐसा लगता है किसी एक को चुनकर कहीं दूसरे तस्वीर की तौहीन न कर दूं ...
मैं बस देखता हूं तस्वीरों में तुमको, खोजता हूं अपना सुकून उसमे, कल्पना करता हूं दोनो के साथ में होने का, हाथ को पकड़कर बस चले जाने का, बिन डर के सबसे लड़ जाने का...आखिर में तुम्हे पा के सब कुछ पा जाने का...
और ये मेरी कल्पनाएं मुझे तुम्हारे करीब लाती हैं हर दफा, महसूस कराती हैं तुम्हारे होने का, तुम्हारे मेरे लिए प्यार का, अहसास का, सुकून का...
और मैं हर रोज मेहनत बढ़ा लेता हूं तुम्हें पाने के लिए...साथ में सारी उमर बिताने के लिए...तुम्हारे साथ जिंदगी जी लेने के लिए...❤️
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