*पिता एक एहसास*
पिता से ही जीवन की हर आशा है
पिता एक खुशियों की परिभाषा है
सबसे प्यारे हैं पापा, मैं उनका राजदुलारा हुं
पापा साथ रहें तो लगता, मैं ही तो जग सारा हूं
उंगली थामी पापा ने, संसार मुझे दिखलाया है
सत्य के पदचिन्हों पर चलना, पापा ने सिखलाया है
जो जीवन के बीज हमारे अंतर्मन बोता है
अपनी खुशियां बांटने वाला एक पिता ही होता है
कभी ये ऋण तुम्हारा , हम चुका न पाएंगे
साथ जन्मों तक भी हम , तुम्हें भुला न पाएंगे
हमारी हर पूर्ति के लिए, तुमने अपना ख्याल न रखा
हमको रखा खुश हरदम, लेकिन अपना ध्यान न रखा
एक नदी के बहते हुए, नीर का सहारा हो तुम
अगर हम समंदर हैं, तो उसका किनारा हो तुम
तुमने उठाया गोदी में झूला हमें झुलाया है
खट्टा मीठा चुमा लेकर तुमने खूब खिलाया है
ओ पिता बस अंत में बात इतनी कह रहा हूं
कितना भी हो जाऊं बड़ा, मैं चरणों में ही रह रहा हूं
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