कभी मिले फ़ुरसत खुद से तो बता मुझे,
हाल ऐ जिंदगी का कैसे बयां करू में तुझे।
कहती हो तुम की बहुत ज़ख्म सहे मैने
महसूस तो कर तुझ बिन कैसे जिए है मैने
तेरे साथ बिताया हर लम्हा बेहद खूबसूरत था,
याद कर उन हसीन लम्हों को मैं रोया बहुत था,
तुमने जाते जाते बस इतना सा कहा मुझे
अब नहीं दूंगी मौका जीने का मेरे संग तूझे
मत करना अब प्यार मुझसे और मुझे भूल जाना
जिंदा रहना हो तो रहना नहीं तो फंदे पर झूल जाना
इतना कुछ सुनने के बाद भी दिल उसी पर मरता है
उसके जाने के बाद भी आज बेइंतहा प्यार करता है
बेइंतहा चाहत के बाद भी क्यों दगा दिया तुमने मुझे
कभी मिले फ़ुरसत खुद से तो बता मुझे,
हाल ऐ जिंदगी का कैसे बयां करू में तुझे। !!
✍️Avi✍️
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