Itni si baat tum kyu nhi samajhte ho ye ishq hai ishq jo tum mujhse karte ho. Iss Zamaane mein maujud hai aur kitne majau Par woh ek baat tum kyu mujhse karte ho.
मरते हैं आज भी हम तुम पे जी-जी कर बस थोड़ा- थोड़ा। कह दो ना यूंही कुछ हम से हँस- हँस कर बस थोड़ा-थोड़ा। ये दिल है रूका, रुक जाओ तुम भी रूक-रूक कर बस थोड़ा-थोड़ा।
रोया इतना कि सारा शहर भींग गया मेरे आँसूओं ने तेरा पता ढूंढ लिया। कुछ इस कदर था इश्क़ तुमसे कि दूरियां जो आते दरमियान हमारे तो बेचैनियों से सारा पहर डूब गया। रोया इतना कि सारा शहर भींग गया..