Apexaa  
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Joined 17 May 2019


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7 JAN 2022 AT 11:09

तेरी हर रजा में राज़ी हम प्रभु, तेरी रहमतों का साया कुछ इस कदर छाया है
तू ही मन का साथी, तू ही तारणहार
इस दिल के रोम रोम में बस तू ही समाया है

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6 JAN 2022 AT 22:03

हो गिले शिकवे चाहे कितने भी ,अब हम किसी को नहीं बताते हैं
जज्बातों को दफन कर ,अब हम दिल अपना किताबों में लगाते हैं

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6 JAN 2022 AT 15:25

अपनी नागिन सी जुल्फों को यूँ सरेआम लहराया ना कीजिये
रहम करो दिलों पे, यूँ बन सँवर के सामने आप आया ना कीजिये

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5 JAN 2022 AT 22:00

अगर बनना ही है कुछ तो
किसी की जिंदगी के अँधेरों में जुगनू सा बनना तुम
ला सको जो किसी के चेहरे पे प्यारी सी मुस्कान
ऐसी खुशी की वजह बनना तुम

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5 JAN 2022 AT 12:51


गुस्से में बांधकर अपनी खुली जुल्फों को, नाराज़गी यूँ जताया ना करो
बिन बात ही यूँ रूठकर हमसे, तुम जियादा इतराया ना करो

बैठो जरा करीब आकर, दो बातें जरा सुकूँ भरी कर लें
हर बार बहस करके ,अपनी मनमानी यूँ चलाया न करो

खैर लगती बहुत प्यारी हो , जब गुस्से से यूँ देखती हो तुम
इन अदाओं को रखो जरा सम्भालके,
यूँ अपनी मासूमियत भरी निगाहों में हमें उलझाया ना करो



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5 JAN 2022 AT 11:55

उफ्फ तेरे माथे पे ये काली बिंदी, झुमकों का क्या कहना है
नज़रों से करती जो जादू हमपे, लगता किया तुमने कोई जादू टोना है

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4 JAN 2022 AT 13:51

जेठ की तपती दुपहरी में घर में पूरे दिन बिजली न रहने पे......फिर अचानक से बिजली का आ जाना और पसीने से भीगे बदन जब पँखे के नीचे बैठ जो अकस्मात सुकूँ मिलता है मुझे
ठीक वैसे ही सुकूँ देता है जब मैं इसी चिलमिलाती गर्मी में रसोईघर में बनाऊँ रोटी अपने भीगे बालों को अपने हाथों से हटाती हुई आटे से सनी , लतपत पसीने में
और तुम्हारा आकर बालों की लटों को हटाकर बड़े प्यार से चेहरे पे यूँ फूँक मारना....

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4 JAN 2022 AT 13:32

झुकी नजरें और शरमाना भी उनका क्या कमाल है
कमबख्त कैसे न हार बैठे कोई उनपे दिल अपना ,,
कहर ढाती उनकी तो ,सादगी में ही छिपा मनमोहक सौंदर्य का जाल है....

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22 AUG 2021 AT 18:34

भाई❤️❤️

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7 AUG 2021 AT 21:12

मैं लिखती शायरियाँ जब, तुम पास मेरे बैठ जाया करते
तुम्हारी ही तारीफ करूँ उनमें, ये हक से मुझे बताया करते
खुद को मेरी शायरियों में पढ़कर, जब तुम भी खूब इतराया करते
हाय क्या बात होती तब, जब तुम भी उन्हें पढ़कर मेरी तरह ही शरमाया करते

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