Anuradha Chaudhary   (Anuradha Chaudhary)
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acvv17.blogspot.com
Joined 10 November 2020


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Joined 10 November 2020
9 MAR AT 7:23

मुझे पूरी जिंदगी नहीं गुजारनी तुम्हारे साथ,
क्योंकि मुझे पता है कि ऐसा कभी नहीं हो सकता।
मैं बस इतना चाहती हूं कि वो आख़िरी मोड़,
जो कहीं किसी अंजान सफ़र पर जाकर खत्म होता है,
उस रास्ते पर तुम मेरे हमसफ़र बनो।
मेरी कहानी तो शायद अधूरी ही रहेगी अंतिम तक,
तुम उस अधूरी कहानी का वो आखिरी किरदार बनो।

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11 MAY 2023 AT 10:15

और कहता था कि,
मुझे तुम्हारे साथ सात जन्म नहीं गुजारना,
क्यूंकि मुझे नहीं पता कि इस बात में कितनी सच्चाई है,
मैं बस तुम्हारे इस खूबसूरत से चेहरे से,
तुम्हारी झुर्रियों तक तुम्हारे साथ होना चाहता हूं,
मैं बस तुम्हारी इस प्यारी सी मुस्कान से,
टूटे दांत के कारण पिचके हुए गाल तक तुम्हारे साथ होना चाहता हूं,
मैं बस तुम्हारे इन काले मुलायम बाल से,
उन सफेद चमकते बाल तक तुम्हारे साथ होना चाहता हूं,
यूं फोन पर देर-देर तक बातें करने से लेकर,
बुढ़ापे में किसी नदी किनारे बैठे हमारी कहानियां बुनने
तक तुम्हारे साथ होना चाहता हूं,
वो अंतिम सफर जहां हमें किसी के साथ की बेहद जरूरत होती है,
मैं उस सफर में तुम्हारे साथ होना चाहता हूं।

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28 APR 2023 AT 10:03

तुम होते तो मैं बताती तुम्हें,
कि तुम जरुरत नहीं, जरुरी हो मेरे लिए,
तुम होते तो मैं सताती तुम्हें,
कभी खुद रूठ जाती तो कभी मनाती तुम्हें,
कभी खुशी में तो कभी नाराज़ होकर चिल्लाती तुम्हें,
तुम होते तो मैं और तुम साथ मिलकर
एक - दूसरे की तन्हाई दूर करते,
कभी लड़ते-झगड़ते तो कभी ढेर सारा प्यार करते,
तुम गुस्से में चीजें तोड़ते और मैं कापी के पन्ने फाड़ती,
कभी साथ मिलकर किसी गाने की धुन बिगाड़ते,
तो कभी एक-दूसरे की english conversation सुधारते,
तुम होते तो हम अपनी एक अलग दुनिया बनाते,
और उस दुनिया का हर एक कोना साथ मिलकर संवारते,
तुम होते तो.........
लेकिन असल कहानी तो यही है ना कि तुम होते तो...
पर तुम ही तो नहीं हो।

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10 OCT 2022 AT 16:43

अबकी बरस, बारिशें भी बहुत कम आई मेरे शहर में,
शायद वो भी यही चाहती हैं कि मैं तुम्हें भूल जाऊं,
क्योंकि उन्हें अच्छे से पता है कि जब वो आती हैं,
तो मुरझाई पड़ी तुम्हारी सारी यादों को, फिरसे हरा -भरा कर देती हैं।

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10 OCT 2022 AT 16:36

वो तस्वीर में कैद एक राज़ है, तो रहने दो,
हां बेशक उसकी गलतियां बेहिसाब हैं, तो रहने दो,
ये पर्दा गिरा, तो मेरा महबूब बदनाम हो जाएगा,
गर उसके चेहरे पर नक़ाब है, तो रहने दो।

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15 JUL 2022 AT 6:36

तू गर चाहे तो कोशिश कर सकता है मुझे पाने की,
मुझे तो अब आदत सी हो गई है लोगों के आने और जाने की,
मुझे अपना ही नहीं पता तो मैं क्या फिकर करूं इस ज़माने की,
और वैसे भी, मेरी अब हैसियत नहीं रही मोहब्बत में ख़ुद को आजमाने की।

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7 JUL 2022 AT 21:52

काश! मैं वो सारे लम्हात भूल जाऊं,
वो वादे, वो यादें, वो सारे जज़्बात भूल जाऊं,
तू एक बार फिर से साथ चलने की ख्वाहिश करे,
और मैं कहूं...चल हट...!
मैं इतनी बेवकूफ भी नहीं,
जो तेरी बातों में फिर से आ जाऊं।

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22 MAY 2022 AT 15:55

जब हम कांच की कोई ‌वस्तु खरीदते हैं,
तो हमें सावधान करने के लिए
उसकी पैकिंग पर एक सूचना लिखी रहती है,
सिवाय इसके दुकानदार भी हमें सावधान करते हैं।
लेकिन हम उनकी बातों को सुनकर अनसुना कर देते हैं,
हम सोचते हैं कि हटाओ यार!
अभी तो सब ठीक है और आगे भी ठीक रहेगा।
मगर बाद में हम उस सामान को "टूटा" हुआ पाते हैं।
और उससे चोट लग जाने के डर से उसे बाहर फेंक देते हैं।
हमारे टूटे हुए रिश्ते भी बिल्कुल वैसे ही होते हैं,
उन्हें भी हमें अपनी जिंदगी से उठाकर फेंक देना चाहिए,
वरना वो अंततः हमें ही कष्ट पहुंचाते हैं।

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17 MAY 2022 AT 21:47

तुम्हारे शब्दों के बाण से
जब तुम मेरे हृदय पर आघात करते थे,
तो मैं इसलिए मौन नहीं रहती थी,
क्योंकि गलती मेरी थी
या मेरे पास कोई उत्तर नहीं था,
मैं सोचती थी कि शायद कभी तुम
मेरे मौन में छुपे दर्द को समझ पाओ।

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1 MAY 2022 AT 14:07

कि तुम्हारे जाने के बाद,
मैं टूटकर बिखर गयी हूं,
तो सुन लो,
ये महज़ तुम्हारी गलतफहमी ही है,
क्योंकि माना बहुत मुश्किल था,
मेरे लिए तुम्हारी जुदाई का दर्द सहना,
फिर भी टूटी नहीं हूं मैं।
हां थोड़ी कमजोर ज़रूर हो गई हूं,
मगर तुमसे नफरत की तमाम वजहें,
जो तुमने छोड़ रखी हैं मेरे पास,
वो मुझे और मजबूती से,
खुद को बेहतर करने की हिम्मत देती हैं।

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