तुम होते तो मैं बताती तुम्हें,
कि तुम जरुरत नहीं, जरुरी हो मेरे लिए,
तुम होते तो मैं सताती तुम्हें,
कभी खुद रूठ जाती तो कभी मनाती तुम्हें,
कभी खुशी में तो कभी नाराज़ होकर चिल्लाती तुम्हें,
तुम होते तो मैं और तुम साथ मिलकर
एक - दूसरे की तन्हाई दूर करते,
कभी लड़ते-झगड़ते तो कभी ढेर सारा प्यार करते,
तुम गुस्से में चीजें तोड़ते और मैं कापी के पन्ने फाड़ती,
कभी साथ मिलकर किसी गाने की धुन बिगाड़ते,
तो कभी एक-दूसरे की english conversation सुधारते,
तुम होते तो हम अपनी एक अलग दुनिया बनाते,
और उस दुनिया का हर एक कोना साथ मिलकर संवारते,
तुम होते तो.........
लेकिन असल कहानी तो यही है ना कि तुम होते तो...
पर तुम ही तो नहीं हो।
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