AnKaHe AlFaAz   (Minu's Quote)
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Joined 29 April 2020


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23 APR AT 7:56

अन्याया विरुद्ध,
ज्ञानाने लढूया..
या पुस्तक दिनी,
संविधान वाचूया..

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19 APR AT 21:50

निगाहो में इंतजार और दिल मे आस रहेगी
उसकी तस्वीर मेरे रूह में, छपी तो रहेगी..
सांसो में हर पल, बेचैनी रहेगी
उसके नाम के आगे एक दिल❤️ वाली इमोजी तो रहेगी..
वो आये, ये चाहत रहेगी
आखरी वक्त तक, एक उम्मीद तो रहेगी..

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7 FEB AT 22:37

लाना है कुछ मेरे लिए, तो गुलाब मत लाना,
मुर्ज़ा रहे किताबों में, ऐसा बेजान मत लाना..
लाना एक पोदा गुलाब का, जिसे प्यार से संभालू में,
पानी डालू रोज उसे और तेरी याद में गाऊ मैं..

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8 JAN AT 21:31

आयुष कमी पडले महात्माना, येनार्‍या पीढ़ी साठी लढायला
सावित्री सोबत खंबीर पण उभे होते फुले, दगडाची उत्तर द्यायला
"होत नसले तर सोडुन दे नोकरी", सहज म्हणतात आजचे नवरे बायकांना..

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9 AUG 2023 AT 22:26

कुशीत तुझ्या मज शांत झोप
कुठली भीती घेऊन जगायचे नोहते
माझे सर्व तुझे, मी सर्वस्व तुझीच होती.
किती जखमा देणार आणखीन, गुपित हेच प्रश्न होते.

वाट पाहिली तुझी, नजरेस आस होती
हाक नाही दिली पण मनी आत् होती.
वर्ष निघुण गेले तरी, तुझ न हे उमगले
नजरे समोर तू, आतुरल्या डोळ्यांची माग होती.

वाट तुझी ते पाहुन थकले, एक यत्न कराव म्हटले
रस्ता तू मापाला न कधी, तेच तुझं वर धावुनी आले.
शोध तुझा घ्यायला निघाले, विसरुनी तुझे कडू बोलणे
तिथे हि तू घात केला, भावना माझ्या तिथेच पडल्या.

पुन्हा एकदा खेड खेडून, माघारी तू निघून गेला
साथ सोडण्याची सवय तुझी, मी सांग कशी विसरली.
प्रेम राहील सदैव तुझ्या वर, सत्य हे मी कधी टाकणार नाही
मी प्रयत्न केला हे समाधान घेऊन, आसू पुसून मी निघून आली.

वाट पाहिली तुझी, नजरेस आस होती
हाक नाही दिली पण मनी आत् होती..

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7 FEB 2023 AT 21:33

उसने कांटे निकाल के दिया गुलाब
में सादगी समझ बैठी..
उन कांटो ने दिए जख्म मुझे
में रंग-ए-इश्क़ समझ बैठी..

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17 JAN 2023 AT 9:27

......

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10 JAN 2023 AT 8:29

हर बार करता है जलील मुझे
मेरे सबर का वो हिसाब मांगता है
वो जानता है मैं लिख सकती हूँ मोहब्बत
फिर क्यू,
मुझे नफरत लिखने पे वो मजबूर करता है

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31 DEC 2022 AT 14:27

यहाँ साथ अपने नहीं देते,
तुम दिसंबर की बात करते हो..
चुभ रहे है उनके लफ्ज़ हमें
तुम काटो की बात करते हो..
पीछे कुछ छूता ही नहीं अब
तुम लौट जाने की बात करते हो..
बिखरी पड़ी है ज़िन्दगी यहाँ
तुम कांच की बात करते हो..
उनके अपनों ने किया था बेघर उन्हें
उनके लहू का रंग जानते हो..
सिक्के के दोनों पहलू होते है
ये तो तुम भी मानते हो..
जो अपनों का ना हुआ कभी
उनसे ताल्लुक क्यों रखते हो..
सवार रहे है ज़िन्दगी को अब हम
तुम ज़ुल्फो की बात करते हो..
जज्बातों से खेलते है लोग यहां
तुम शतरंज की बात करते हो..
यहाँ तनहा छोड़ देते है लोग राह में
तुम 7 जल्मो की बाते करते हो..
उसने गरिमा लांघ दी है अपनी
तुम सबर की बात करते हो..
क्या कहा वो सुधर जायेगे
तुम भी कमाल ही करते हो..

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25 DEC 2022 AT 23:37

कोई खुशीसे सेंटा बन, तोफे बांट रहा है..
कोई भुख मिटाने की खातिर, सेंटा बेच रहा है..

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