क्या कर रहे हैं......चंद पलों की झूठी मुस्कान के लिएबहाने ढूंढ रहा हूँ। -
क्या कर रहे हैं......चंद पलों की झूठी मुस्कान के लिएबहाने ढूंढ रहा हूँ।
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हर सुबह की शुरुआत इसी हौसले से होती है,कभी तो मेहनत की लकीर.....किस्मत की लकीर से अधिक लंबी होगी। -
हर सुबह की शुरुआत इसी हौसले से होती है,कभी तो मेहनत की लकीर.....किस्मत की लकीर से अधिक लंबी होगी।
वो बेशकीमती मोती सीमैं इक मामूली पत्थर सा,संभव होता तो खुद को बैचकरउसको खरीद लेता मैं। -
वो बेशकीमती मोती सीमैं इक मामूली पत्थर सा,संभव होता तो खुद को बैचकरउसको खरीद लेता मैं।
गजब सी सरशारी है, गज़ब सी ख़ुमारी है,तुम्हारी गज़ब की बेरुखी है, मेरी अय्यारी है। -
गजब सी सरशारी है, गज़ब सी ख़ुमारी है,तुम्हारी गज़ब की बेरुखी है, मेरी अय्यारी है।
Thought of excitement to write. -
Thought of excitement to write.
Sometime I need a big interval in my life,A interval that never ends. -
Sometime I need a big interval in my life,A interval that never ends.
इस जहां में किसी से कोई शिकायत नहीं है मुझेया तो मेरी अपनी गलती या क़िस्मत का मारा हूं मैं। -
इस जहां में किसी से कोई शिकायत नहीं है मुझेया तो मेरी अपनी गलती या क़िस्मत का मारा हूं मैं।
बिन सावन मौसम सुहाने हुएनई धुन, नए जमाने हुएचाहत की फूल खिली दो दिलों मेंऔर हम आपके दीवाने हुए। -
बिन सावन मौसम सुहाने हुएनई धुन, नए जमाने हुएचाहत की फूल खिली दो दिलों मेंऔर हम आपके दीवाने हुए।
बदलना था, सूरत- ए- क़ौम हमेंघर की हालात देख ठहर जातें हैंहर गुस्ताखी नस्ले- ए- ख़ास कीबस नज़रंदाज कर गुज़र जाते हैं। -
बदलना था, सूरत- ए- क़ौम हमेंघर की हालात देख ठहर जातें हैंहर गुस्ताखी नस्ले- ए- ख़ास कीबस नज़रंदाज कर गुज़र जाते हैं।
बचपन उड़ गयाकुछ अनसुलझे सवालों मेंवक़्त की रिवायतों मेंकुछ जरूरत, कुछ ख्वाहिशों में। -
बचपन उड़ गयाकुछ अनसुलझे सवालों मेंवक़्त की रिवायतों मेंकुछ जरूरत, कुछ ख्वाहिशों में।