हर कोई चाहता यहाँ की सनम उसका कभी रुठे ना,मेरा रुठे तो मोहब्बत में शायद और थोड़ा इजाफ़ा हो।। -
हर कोई चाहता यहाँ की सनम उसका कभी रुठे ना,मेरा रुठे तो मोहब्बत में शायद और थोड़ा इजाफ़ा हो।।
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नींद है आँखों से कोसों दूर,ये सख्ती है तेरी मोहब्बत कीया कसूर थोड़ा मेरे नरम तकिए का भी है।। -
नींद है आँखों से कोसों दूर,ये सख्ती है तेरी मोहब्बत कीया कसूर थोड़ा मेरे नरम तकिए का भी है।।
मिलने की तुमसे दिल को हसरतें थी हज़ार,मिलकर भी तुमसे रहा मगर बेकरार ही।। -
मिलने की तुमसे दिल को हसरतें थी हज़ार,मिलकर भी तुमसे रहा मगर बेकरार ही।।
कहने को तो ये जिन्दगी है खूबसूरत बड़ी,गुजर रही मगर इम्तिहानो के इर्द-गिर्द ही।। -
कहने को तो ये जिन्दगी है खूबसूरत बड़ी,गुजर रही मगर इम्तिहानो के इर्द-गिर्द ही।।
उसकी बाहोँ में जाकर खो जाने को जितना दिल तेरा तरसता है,सनम तेरा उतना ही अपने जिस्म को रूह की आगोश में सुलाता है।। -
उसकी बाहोँ में जाकर खो जाने को जितना दिल तेरा तरसता है,सनम तेरा उतना ही अपने जिस्म को रूह की आगोश में सुलाता है।।
बातों का सिलसिला रह जाता अक्सर अधूरा उनसे,मुलाकातों का आलम भी कुछ बेपरवाह सा ही है।। -
बातों का सिलसिला रह जाता अक्सर अधूरा उनसे,मुलाकातों का आलम भी कुछ बेपरवाह सा ही है।।
झूठी भीड़ में होकर मशगूल बीत रही ज़िन्दगानी तेरी,बन कर हिस्सा उसका,क्यूँ खुद को रुसवा कर जाऊँ मैं।। -
झूठी भीड़ में होकर मशगूल बीत रही ज़िन्दगानी तेरी,बन कर हिस्सा उसका,क्यूँ खुद को रुसवा कर जाऊँ मैं।।
जिन हवाओं के छू कर गुजरने से होता था एहसास तुम्हारा,जाने क्यूँ वही हवाएँ आज साँसों को बोझिल किये जा रही हैं।। -
जिन हवाओं के छू कर गुजरने से होता था एहसास तुम्हारा,जाने क्यूँ वही हवाएँ आज साँसों को बोझिल किये जा रही हैं।।
आते जाते हर एक शख़्स के रंग में यूँ ढलने लगी हूँ मैं,खुद मेरा वज़ूद क्या रह गया ये सोचने से भी कतराने लगी हूँ मैं।। -
आते जाते हर एक शख़्स के रंग में यूँ ढलने लगी हूँ मैं,खुद मेरा वज़ूद क्या रह गया ये सोचने से भी कतराने लगी हूँ मैं।।
खटखटाते रहिये दरवाज़ा एक दुसरे के दिल का,आवाज़ चाहे कोई ना आए मगर आहटे होती रहनी चाहिए।। -
खटखटाते रहिये दरवाज़ा एक दुसरे के दिल का,आवाज़ चाहे कोई ना आए मगर आहटे होती रहनी चाहिए।।