Anchal Pandey   (Anchal S Pandey)
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Joined 3 May 2020


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26 JUL 2023 AT 0:22

अज़ीज़ो में तू मेरा है, मैं ये ऐलान करती हूं
तुझे मेरा ही होना है, मैं ये फरमान करती हूं ,
जो हालत हो रही तेरी, वो हालत है यहाँ मेरी
तेरे आंसू मेरे हिस्से, मैं खुशियां नाम करती हूं।

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23 APR 2023 AT 23:51

मैंने जब भी उसे रोते हुए देखा,
मैंने खुद से उसे दूर होते हुए देखा।

मेरी हर अल्फाज पे मुस्कुराने वाला वो,
हर शब्द पर मैंने उसे मौन होते हुए देखा ।

मसला यह नहीं कि वो दरकिनार हो रहा,
तकल्लुफ यह कि मैंने उसे जज्बात छुपाते हुए देखा ।

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27 JUN 2022 AT 13:02

किसने कहा कि जिन्दगी का बसन्त दोबारा आता नहीं ,
किसने कहा कि मुरझाया हुआ चेहरा दोबारा खिलखिलाता नही ,
यार!तू एक बार कोशिश कर तो मुस्कुराने की
मै तेरे लिए वाट न लगा दूं सारे ज़माने की।

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26 MAY 2022 AT 14:00

मेरे आईने को तू तस्वीर बना दे ,
मुझे तू अपनी तकदीर बना ले ,
और तेरी खातिर में लड़ जाऊंगी सारे जमाने से ,
बस तुम मुझे अपनी शमशीर बना ले ।

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21 JAN 2022 AT 22:47

थोड़ी बेशर्म, थोड़ी अल्हड़, थोड़ी मतवाली सी ,
सागरमाथा सी विश्वासी, निर्मल सरयू के पानी सी
मैं कल की भावी शेरनी और आज की नन्ही शावक
ये शर्म की घूंघट तुम्हें मुबारक ।

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7 JAN 2022 AT 23:15

गर्मी की चिलचिलाती धूप में,
तुम वो सुकून वाली छाँव बनोगे क्या?

जिस्म कपां देने वाली सर्दी मे, जो राहत का एहसास दे ,
तुम वो गर्म अलाव बनोगे क्या?

बे-इंतिहा डूब जाऊ अपनी मर्जी से मै जिसमे
तुम मेरी पसंद के वो अर्णव (समुद्र) बनोगे क्या?

हार निश्चीत होने पर जो साथ न छोड़े,
और आशहिन होने पर जो जीत सुनिश्चित करे ,
मेरे लिए तुम वो कर्ण और माधव बनोगे क्या?

ये प्रीतम और साहिर को किनारा करो,
तुम मेरी जिन्दगी के 'इमरोज़' बनोगे क्या?
💙💙

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7 JAN 2022 AT 22:38

ना चाहत 'प्रीतम' की ,
ना दिल की धड़कनो पे 'साहिर' का नाम है ।
मेरी जिन्दगी की हर सांस
'इमरोज़' तुझपे कुर्बान है ।

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5 JAN 2022 AT 8:09

प्रिय अजनबी,
मेरी जिन्दगी में दाखिल होने से पहले
देखना होगा मेरा बिकराल रूप
और जाननी होगी मेरी कमियां ,
गर इसके बाद मै स्वीकार हूँ तुम्हे ,
तो स्वागत है तुम्हारा ।‍‍‍‍‍‍‍‌💙

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31 DEC 2021 AT 21:35

सब्र किया है मैंने हर हालात हर मोड़ पर
जिसे भी अपना समझा छोड़ गया वह मुझे अलग ही मोड़ पर
किसी ने खेली मेरी भावनाओं से होली
तो किसी ने मेरी इच्छाओं को पटाखों सा जला दिया
इज्जत दी मैंने लोगों को उनकी कद से भी ज्यादा
उन एहसान फरामोशो ने मुझ पर ही एहसान जता दिया,
इस साल ने मुझे जीने का सही मतलब बता दिया।

ए खुदा! तू मुझे बेसब्र ना करना
मैं चुप रहूंगी पर तू सब्र ना करना।

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13 DEC 2021 AT 17:24

अधिकारों के हनन होने पर भी
जो कर्तव्यों की पूर्ति करे,
वो स्त्री है।💙

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