Anand Zanwar   (Anand ♥)
2.0k Followers · 1 Following

read more
Joined 29 April 2018


read more
Joined 29 April 2018
21 JUN 2020 AT 21:02

भीड़ भरी इस दुनिया में अकेला हो गया है इंसान
जिंदगी की मुश्किलों में खो रहा है इंसान,

अकेले रहने के दौड में हार रहा है इंसान
"उसे जरुरत नहीं है किसी की" ये समझकर दुनिया हरा रही है इंसान,

ना जाने कोनसी तकलीफो में उलझ रहा है इंसान
कभी हार तो कभी जीत जाता है इंसान,

जब कोई दिल तोडे तो रूठ जाता है इंसान
सहारा सबको देता है मगर अपने आपको अकेले पाता है इंसान,

बंद कमरे में कैद कर अपने दिल को समझाता है इंसान
किसी को समझ ना आये ऐसा बरताव करता है इंसान,

हार जाता है खुद से तब मर जाता है इंसान
हकीकत तो यही है जब जरूरत हो तो अकेला होता है इंसान।

-


29 MAY 2020 AT 22:21

रोते रोते हमने हसना सीखा है
चुपचाप ये दर्द सहना सीखा है,

हमने हर शख्स को करीब से बदलते देखा है
कुछ इस तरह हमने हर शख्स से दूर रहना सीखा है ,

हकीकत को हकीकत में बदलना सीखा है
अपने मेहनत से मंजिल को जीतना सीखा है

छोटे है उमर में लेकिन उमर से ज्यादा सोचना सीखा है
ये हुनर हमने अकेले रहकर सीखा है

-


11 MAY 2020 AT 12:54

वो बचपन एक दौर था जिसमे खुशीयों का शोर था
जहाँ रोना एक बहाना था खिलौना जो पाना था,

बचपन में हम अकसर डाट खाते थे
वो एक रुपये कि चार chocolates पर अकसर दिल हारते थे,

नादानी के नाम पर हम बडी शरारत करते थे
और दो कदम चलते ही हमारे पैर दर्द करते थे,

बचपन के वो झूठ भी कितने मासूम होते थे
School ना जाने के बहाने पेट दर्द और सर दर्द होते थे,

बचपन में कोशिशो के मायने कितने बड़े लगते थे
वो  "twinkle twinkle" वाली कविता हम रोज याद करते थे,

आज अगर हम बचपन ढुंढे तो नाकाम वापस आते है
सिर्फ माँ के आँचल में हम बचपन दोबारा जीते है।

-


3 MAY 2020 AT 20:02

Sometimes being an option for someone, is not a bad thing!

(Read the caption)

-


28 APR 2020 AT 19:35

कई बार ये बाते मैने भी सोची थी
हम दोनों की दोस्ती में कुछ तो कमी थी,

यकीन ना करना हम दोनों की कमजोरी थी
और आने जाने वाले लोगों पर भरोसा करना ये भी एक गलती थी,

जब बात बिघड रही थी तब बात समझनी जरुरी थी
वक्त को बदनाम कर हमने जीती बाजी हारी थी,

साथ अगर रहे जाते तो मुश्किले भी आसान थी
कोई साथ तलाशे नहीं वरना निभाने वालो की कहा कमी थी,

शायद ये बाते अब कहना जरूरी नहीं थी
तू यार था मेरा ये बात तो सच्ची थी...

-


24 APR 2020 AT 20:50

कितना बदल गया हु मैं
मुझे मेरा बचपना अच्छा नहीं लगता,

भीड पसंद नहीं आती और
अकेले अच्छा नहीं लगता...

-


23 APR 2020 AT 21:00

तुझसे बात नहीं करता बस तेरे बारे में बात करता हूँ
क्या खाक आगे बढा हु मैं आज भी तेरी यादो से बात करता हूँ,

तुझे देखा नही कबसे बस, तेरी तस्वीर को याद करता हूँ
इतनी प्यारी है तू की मै प्यार भी तेरी तस्वीर से करता हूँ

तु पास नहीं है मेरे, बस एहसास में पास रखता हूँ
किसी और की होते हुए देख नही सकता इसलिए दिल की आंखें बंद रखता हूँ

तुझे खबर नहीं है मेरी मै हर रोज मरता हूँ
तेरी मुस्कराहट पहले भी जान लेती थी मेरी, और मैं उस मुस्कराहट पर आज भी मरता हूँ...

-


23 APR 2020 AT 18:52

मेरी जिंदगी मुश्किल में हैं
लगता है मुझे देख कोई खुशी में हैं,

मुझे यू मायूस देख ख्याल उन्हें आया है
अपनो ही अपनो में मैने खुद को पराया पाया है,

मुझे यू नाकाम देख मुकाम उन्हें मिला है
शायद अपने मुकाम में वो मेरी नाकामयाबी तलाशता है,

यू तो हर तदबीर मेरा मुक्कमल होता है
आजकल उन्हें यही सबसे ज्यादा दर्द देता है,

खुशियो की कही वजह है उनके पास
मगर मेरी नाकामी उनके लिए कुछ ज्यादा ही खास है..


-


24 MAY 2019 AT 0:51

Shaamse pehele mai shaam na hone dunga
Zindagi-e-mohabbat mai tuze naakam na hone dunga!!!

-


16 APR 2019 AT 21:57

बहुत दिनों से कोशिश जारी हैं
अल्फाजों को अल्फाजो से मिलने की बेकरारी हैं ,

इन् अल्फाजों ने हमारे कहानी का हर रिश्ता बयान किया हैं
पर इन रिश्तो ने हमें हमारी जिंदगी जीने का नजरिया बदलवाया हैं,

हर रोज हम वो बेवजहसा रिश्ता ढूंढते रहते हैं
हर कदम साथ चले ऐसी शक्सियत ढूंढते रहते हैं,

जो लफ्जों में बया ना हो वो रिश्ता फिर से बनाते हैं
लगता है इन अल्फाजों को एक और कहानी मिल गई हैं.......

-


Fetching Anand Zanwar Quotes