चक्र क्या है?
यह ग्रंथियों एवं उपग्रंथीयों का एक समुच्चय है, तथा इन ग्रंथियों एवं उपग्रंथियों की अवस्थिति विभिन्न जानवरों में अलग-अलग होती है। मनुष्यों में चक्रों की स्थिति इड़ा, पिंगला एवं सुष्मना (मानसाध्यात्मिक प्रवाही मार्ग) के प्रतिच्छेदी बिन्दुओं (त्रिमिलन बिन्दुओं) पर है। मानव मन में बहुत से विचार लगातार प्रकट एवं विलुप्त होते रहते हैं। इन मानसिक घटनाओं के पीछे वृत्तियाँ ही मूल मे हैं जो प्रारंभिक रूप से मनुष्यों के जन्मजात संस्कारों (मानसिक प्रतिक्रियात्मक संवेगों) के साथ जुड़ी हुई है। वृत्तियाँ किसी के जन्मजात संस्कारों के अनुसार निर्मित हुई हैं। इन वृत्तियों की अभिव्यक्ति एवं नियंत्रण विभिन्न चक्रों के ऊपर निर्भर हैं।
योग-मनोविज्ञान
(श्री श्री आनंदमूर्ति)
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