Alok Verma   (एक अनकहा शायर 🥀)
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Joined 8 April 2020


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Joined 8 April 2020
14 FEB 2023 AT 4:05

कहीं झूठी सी बातें हैं,
कहीं बिन बात के तर्क हैं।
बेवजह बिगड़ रही है,
ये ज़िन्दगी मानो नर्क है।
उलझा सा मैं हूं,
कुछ ख्वाहिशों के संपर्क हैं।
होता किसी और से इश्क़ शायद हमे,
लेकिन,
तुम जैसा होना,
और तुम्हारे होने में फर्क है।।

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22 JAN 2023 AT 23:05

आईने में मुझको "मैं" नज़र नहीं आता!
भूल जाता खुदको, अग़र तू नहीं आता!!

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25 DEC 2021 AT 13:40

बुरी आदतें हैं- इश्क़, नशा और यादें।
ये मारती नहीं, बस अधमरा कर के छोड़ देती हैं।

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29 JUL 2021 AT 11:13

वो बनारस की बारिश !!
वो भटकता मुसाफ़िर !!
वो चंचल हवाये !!
तेरी याद दिलाये !!

वो यादों का बसेरा !!
वो अधूरापन सा मेरा !!
वो घाटों का संसार !!
जहाँ बसता सुकून अपार !!

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12 JUN 2021 AT 12:04

मुस्कुराये इतना हैं,
कि अब यादों की किश्तें भरते हैं।

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1 JUN 2021 AT 22:40

Naa pyar karo, naa deedar karo.
Halato se nipto aur manjil paar karo.

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6 MAY 2021 AT 10:11

सारे ग़मो को मेरे हिस्से में छोड़,
वो कहकर गया 'ख़ुश रहना'।

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5 MAY 2021 AT 9:03

और एक बच्चा फिर मर गया।
हिचकोले लेता रहा रात भर,
या जिम्मेदारियों के तले दब गया।
एक बच्चा आज फिर सूली चढ़ गया।

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4 MAY 2021 AT 16:03

पनपने लगा है अंजान सा रिश्ता,
संस्कारो की हवा बड़ी ज़ोर से चली है।

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7 APR 2021 AT 2:02

क्या प्यार
क्या इश्क़
क्या मोहब्बत
क्या कसमें
क्या वादे
क्या मिन्नतें
सबका गला घोंट देती है तो सिर्फ एक 'जात'।

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