कैसे बदलोगे मुझे मैं सवेरा हूँ हर रात के बाद आऊँगा कैसे ठुकराओगे मुझे मैं हकीकत हूँ हर ख्वाब के बाद आऊँगा कैसे समझाओगे मुझे मैं जवाब हूँ हर सवाल के बाद आऊँगा कैसे भुलाओगे मुझे मैं याद हूं हर मुलाकात के बाद आऊँगा कैसे सभालोगे मुझे मैं सैलाब हूं हर तूफान के बाद आऊँगा
कुछ लोग दूर होकर भी पास होते है जैसे याद उसे करो जो अच्छा हो प्यार उसे करो हो दिल से सच्चा हो साथ उसका दो जो इरादों का पक्का हो दिल उसे दो जो सूरत से नही दिल से अच्छा हो
उस एक शख्स के लिए सबसे लड़ता ना हो मेरी तरह कोई, मोहब्बत के लिए तड़पता ना हो मेरी तरह कोई, मेरी ऊपर वाले से एक ही गुजारिश है मिले इश्क तो पूरा हो बस एक तरफा दर्द ना हो