खुश नसीब है सब बस खुशिओ की कमी है।
बातें बेशुमार है बस लफज़ों की कमी है।
दिल केहता है छोङ जाउ इस ज़माने को ताउम्र हस कर।
फिर याद आता है इतने जिद्दी हम तो नहीं है।
उदास दिल लिए सहार तनहाइ का, बैठा था
एक किनारे में तो दिखा।
आसमान में चमकते सितारे हजार है फिर भी रातों में रोशनी कि कमी है।
अरे जनाब ये ज़िन्दगी है इसे जीना इतना आसान भी नहीं है।
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