Aditya Agnihotri   (आदित्य)
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आप यहा आए किसलिए ???
❣️🥀❣️

@aditya_agnihotrii
Joined 7 August 2019


आप यहा आए किसलिए ???
❣️🥀❣️

@aditya_agnihotrii
Joined 7 August 2019
10 APR AT 14:51

ये कहानी ऐसी हैं कि आप सब गुजरे हैं इस दौर से
प्यार दोनो को है , आपको उससे, उसे किसी और से !!

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31 MAR AT 21:39

शायद उसके रास्ते मे मुझसे बेहतर लोग पड गए
वो बेवफा तो न थे लेकिन आगे जरूर बढ़ गए !!

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12 MAR AT 8:18

नौकरी ना मिलने पर ब्याह दी गई
और नौकरी ना मिलने तक ब्याहा नहीं गया,
बस इतना ही अंतर रखा
समाज ने एक बेरोजगार
स्त्री और पुरूष में।

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11 MAR AT 0:58

में तुम्हारी प्रतीक्षा में रहता हूँ। मुझे पता है कि तुम नहीं आओगी। पर इस प्रतीक्षा में कितना रोमांस है, ये तुम्हारे आने ना आने से जुदा है। इसमें गली के कोने पर जाकर पलटना है और ख़ाली गली की चुप्पी को चुगना है। ये नास्तिक आदमी की प्रार्थना जैसी है जिसे पूरा होने का कोई हक़ नहीं है। जैसे, मैं जब तुम्हारे होंठों के किनारों को अपनी उँगलियों से छूता था तो तुम पूछती थी कि क्या कुछ लगा हुआ है? मैं कहता था कि मुझे तुम्हारी मुस्कुराहट को छूना अच्छा लगता है। । तुम पूछती कि, क्या किसी की मुस्कुराहट को छुआ जा सकता है? तो मैं कहता, नहीं। फिर क्या छूते हो तुम?, तुम पूछती और मैं फिर इंतज़ार करता इस बात पर तुम्हारे मुस्कुराने का। मैंने कई बार तुम्हारे होंठों के किनारों पर अपनी उँगलियाँ फेरी हैं पर कभी चुटकी भर मुस्कुराहट बटोर नहीं पाया था। मुस्कुराहट नहीं बटोरी जा सकती है वैसे ही तुम्हारी प्रतीक्षा मे तुम्हें पाया नहीं जा सकता है। पर अप्पू तुम्हें मैं बता नहीं सकता इस जादू को कि जब मैं तुम्हारी प्रतीक्षा में किसी मोड़ पर मुड़ता हूँ तो मेरे होंठ बिल्कुल वैसे ही मुसकुराते हैं जिस मुस्कुराहट को मैं न कभी बटोर पाया था और न कभी छू ही पाया था।

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10 MAR AT 14:12

नित जीवन के संघर्षों से
जब टूट चुका हो अन्तर्मन,

तब सुख के मिले समंदर का
रह जाता कोई अर्थ नहीं।

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26 JAN AT 21:28

Ki kis makam pr
sujhi tujhe bichdne ki

Ki ab jaa kr khi
din swarne wale the !!

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17 JAN AT 11:27

ऊंची यात्राएं हमसे वो सब छीनेगी
जिसे हम छोड़ना नहीं चाहते !!

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9 JAN AT 22:25

कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया
बात निकली तो हर इक बात पे रोना आया

हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उन को
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया

किस लिए जीते हैं हम किस के लिए जीते हैं
बारहा ऐसे सवालात पे रोना आया

कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त
सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया

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7 JAN AT 20:28

इतनी मेहनत से बिगाड़ा हैं खुद को
जाइए आप किसी और को सीधा कीजिए !!

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1 JAN AT 19:40

हम दोनो को हम जैसे बहुत मिलेंगे !
बस हम दोनो को हम नही मिलेंगे 🖤 !!

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