कि बेसहारा सा लड़का हू सहारा चाहिए ।
डर हैं कि इस सियासी गलयारे की आर में ,राम और राफेल की धार में ,हमारी छोटी सी खवाइश बह न जाय ,
इसलिेए अब उस शहर की तलाश में हूं जहां नौकरी होनी चाहिए ।
लड़की की तलाश नहीं मुझको ,
वो तो मैंने देख रखी हैं।
अब तो बस इस इंसानी जंजाल के सियासी ,
बेरोजगारी से छुटकारा चाहिए ।
की बेसहारा सा लड़का हू सहारा चाहिए ।
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