जुबां से कब निकलती है इस दिल की बातेंपूछोगे अगर, कैसा हूं तो, अच्छा ही कहूंगा -
जुबां से कब निकलती है इस दिल की बातेंपूछोगे अगर, कैसा हूं तो, अच्छा ही कहूंगा
-
हम जिसकी यादें सीने से लगाए बैठे हैं,देखो वो हमारा नाम तक भुलाए बैठे हैं! -
हम जिसकी यादें सीने से लगाए बैठे हैं,देखो वो हमारा नाम तक भुलाए बैठे हैं!
शाम कैसी भी होतेरी यादें नही बदलती -
शाम कैसी भी होतेरी यादें नही बदलती
पहले भी मैं....कहां रात गुजरी, कहां दिन ढले हैंमुझे ना पता है, ना कोई खबरजो खुद खो चुका है, तुझे ढूंढता हैतेरी आशिकी का, है कैसा असरबस यहां से वहां, देखते देखते...पहले भी मैं... -
पहले भी मैं....कहां रात गुजरी, कहां दिन ढले हैंमुझे ना पता है, ना कोई खबरजो खुद खो चुका है, तुझे ढूंढता हैतेरी आशिकी का, है कैसा असरबस यहां से वहां, देखते देखते...पहले भी मैं...
कभी कभी दिन नहीं निकलताकिसी रात के गुजर जाने के बाद -
कभी कभी दिन नहीं निकलताकिसी रात के गुजर जाने के बाद
कुछ सिमट जाती है, खुद ब खुद यादों मेंतो कुछ रातों को समेटने में वक्त लगता है -
कुछ सिमट जाती है, खुद ब खुद यादों मेंतो कुछ रातों को समेटने में वक्त लगता है