नींद है आँखों में पर कदमों को आराम नहीं। प्यास हैं होठों पे पर हाथों में ज़ाम नहीं। बातें बहुत हैं करने को पर मिलने को एक शाम नहीं। नींद हैं आँखों में पर कदमों को आराम नहीं।
शायरों को गंभीर होना चाहिए पैसे से गरीब सही, सोच से अमीर होना चाहिए। सड़क रुकी रहती है, अपनी जगह पर शायरों को राहगीर होना चाहिए। शरीर से कमज़ोर क्यों ना हो शब्दों से वीर होना चाहिए। शायरों को गंभीर होना चाहिए।
वक़्त को जिसने अपना हथियार बना लिया, उसने जिसे चाहा उसे अपना पहरेदार बना लिया। आसान नहीं सबकुछ आसानी से पा लेना, पर जो लगा रहा उसने हर चीज पे अधिकार जमा लिया।