आज़ाद गोलू   (✍️अनूप_बसर)
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Joined 6 August 2018


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"विश्व मजदूर दिवस"
यहाँ हर कोई मजदूर है। कोई छोटा मजदूर कोई बड़ा मजदूर। कहीं उसकी आमदनी से तोला जाता। कहीं उसकी जाति से तोला जाता। कहीं उसकी प्रकृति से तो कहीं उसकी स्वीकृति से।
फिर एक दूसरा वर्ग...
जो अपनी मजदूरी की आमदनी को बड़ा करने में लगा है। अपने से निचले को दबाने में लगा है। समय पर उसका मेहताना भी नहीं देता और भी अन्य किस्म हैं आज के कलयुग में।

" असल मजदूर को असल मजदूरी नहीं
जिससे देश कर रहा प्रगति "

असल मजदूर को मजदूर दिवस की बधाई।

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कुछ काम बिना वजह करने पढ़ते हैं 😔

उसी तरह

कुछ काम बिना वजह हमारे पीछे पढ़ जाते हैं 😄

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मौन ओढे रात है
करनी चाँद से बात है
कर तो लेते
मगर
दिन में सूर्य ग्रहण
और अब अमावस्या की रात है।
😄😄

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पहले कर खुद को लापता
फिर खुद को कुछ यूँ बता
मैं को हर तरफ हम कर
फिर देख तुझको कौन जानता।

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पाँवों को शीतलता
मन की व्याकुलता
बहते शीतल जल में ही मिलती
दोनों को एकरूपता।

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विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस
📚✍️
प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाया जाता है। विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस विश्व साहित्य के तीन महान लेखकों, विलियम शेक्सपियर, मिगुएल डे सर्वेट्स, और इंका गार्सिलासो डे ला वेगा की मृत्यु की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस खास तौर पर पुस्तकों का प्रचार- प्रसार करने के लिए पुरे विश्व में मनाया जाता है।

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"आईना" और "चाँद"

आईना- आईने को तोड़ सकता है।
मगर
चाँद- चाँद को नहीं।
क्योंकि आईना असलियत दिखाता है
और चाँद परछाई।

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तभी होगा

जब डर ना हो कुछ भी
खोने का।

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रोजाना जो देती मुझे नया सवेरा।

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मन परेशान है

किस से कहें दिल की बात
तन्हा लगता सारा ज़हान है।

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