contemplating if you’ll ever get tosee the snow, the hills or the serenity,you’ve always been hopeful for!This isn’t about the hills or snow!It’s about the life you wish to live. -
contemplating if you’ll ever get tosee the snow, the hills or the serenity,you’ve always been hopeful for!This isn’t about the hills or snow!It’s about the life you wish to live.
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उसके ज़ख़्म रिस्ते हैं कुछ कुछ मुझ जैसे।जब कहता है राज़-ए-दिल, लहू का खारापनहोठों पे मीठा ज़ायक़ा दे जाता है।उसके मन का ख़ालीपन, मेरे दिल कीदरारों को भर जाता है। -
उसके ज़ख़्म रिस्ते हैं कुछ कुछ मुझ जैसे।जब कहता है राज़-ए-दिल, लहू का खारापनहोठों पे मीठा ज़ायक़ा दे जाता है।उसके मन का ख़ालीपन, मेरे दिल कीदरारों को भर जाता है।
मुद्दा ये नहीं कि अब याद नहीं आते वोअब मुद्दा ये है कि दर्द क्यूँ नहीं होता? -
मुद्दा ये नहीं कि अब याद नहीं आते वोअब मुद्दा ये है कि दर्द क्यूँ नहीं होता?
रिश्तों में आई दरारों से अक्सरग़ुमान-ओ-नामोशी झाँकती हैं।ईमान-ओ-एतबार के घर को अक्सरबे-दिली की सीलन खा जाती है। -
रिश्तों में आई दरारों से अक्सरग़ुमान-ओ-नामोशी झाँकती हैं।ईमान-ओ-एतबार के घर को अक्सरबे-दिली की सीलन खा जाती है।
उल्फत करके वीरानियों सेबदले में अंधेरा ही पाया है।जब चीखें गूंजी ख़ाली दिल में,बिन आवाज़ रोने का फ़न आया है। -
उल्फत करके वीरानियों सेबदले में अंधेरा ही पाया है।जब चीखें गूंजी ख़ाली दिल में,बिन आवाज़ रोने का फ़न आया है।
कुछ फ़ासले सवाल खड़े करते हैं,कुछ फ़ासलों में जवाब होते हैं। -
कुछ फ़ासले सवाल खड़े करते हैं,कुछ फ़ासलों में जवाब होते हैं।
ये दिल दर्द का सामां, किसलिए?हाल-ए-दिल बे-बयान, किसलिए?आखिरश भुला दिया गया उन्हेंफिर ज़िक्र-ए-राज़-ए-दास्तां किसलिए?इक दोस्त तक सगा नहीं रहा मेराए दुश्मनों मेहरबां किसलिए?तोड़ कर यूं राब्ता वो दरमियानहो बेकरार जान-ए-जां किसलिए?चिथड़े उड़े हैं ज़िस्त-ओ-तक़दीर केफिर सिलें ये ग़िरेबान किसलिए?तू राज़दार है तो फिर सर-ए-पर्दा रखभरी महफ़िल मोहब्बत बयॉं किसलिए?जो मशहूर हुआ हूँ तो अब जाना हैलोग रखते हैं बंद दिल के मकां किसलिए? -
ये दिल दर्द का सामां, किसलिए?हाल-ए-दिल बे-बयान, किसलिए?आखिरश भुला दिया गया उन्हेंफिर ज़िक्र-ए-राज़-ए-दास्तां किसलिए?इक दोस्त तक सगा नहीं रहा मेराए दुश्मनों मेहरबां किसलिए?तोड़ कर यूं राब्ता वो दरमियानहो बेकरार जान-ए-जां किसलिए?चिथड़े उड़े हैं ज़िस्त-ओ-तक़दीर केफिर सिलें ये ग़िरेबान किसलिए?तू राज़दार है तो फिर सर-ए-पर्दा रखभरी महफ़िल मोहब्बत बयॉं किसलिए?जो मशहूर हुआ हूँ तो अब जाना हैलोग रखते हैं बंद दिल के मकां किसलिए?
उसके होने से मौसम-ए-गुल-ओ-बहार,वो न हो तो ख़िज़ा हर ओर छाए।इक शक्स की क़ुर्बत और जुदाई में,इस दिल के मौसम ने कई रंग दिखाए। -
उसके होने से मौसम-ए-गुल-ओ-बहार,वो न हो तो ख़िज़ा हर ओर छाए।इक शक्स की क़ुर्बत और जुदाई में,इस दिल के मौसम ने कई रंग दिखाए।
In an overthinker’s paradise,we can smell heartbreak, abandonment, ghosting, longing from a mile away,‘coz we know the taste of it all.If you see an overthinker zoned out,they’re taking a trip back to all thoseexperiences, and preparing themselves,for the same journey ahead. *sigh* -
In an overthinker’s paradise,we can smell heartbreak, abandonment, ghosting, longing from a mile away,‘coz we know the taste of it all.If you see an overthinker zoned out,they’re taking a trip back to all thoseexperiences, and preparing themselves,for the same journey ahead. *sigh*