ज़िन्दगी में रिश्तों की कुछ यूँ हुई गिनती,थोड़े कब्र के फूल बने, थोड़े कब्र की मिट्टी.. -
ज़िन्दगी में रिश्तों की कुछ यूँ हुई गिनती,थोड़े कब्र के फूल बने, थोड़े कब्र की मिट्टी..
-