हर रोज़ तेरे खयालों को अपनी नज़्मों में दफ़नाता हूँ..पहले ये दिल तेरे हवाले था..अब ये कब्रिस्तान भी तेरा हुआ.. -
हर रोज़ तेरे खयालों को अपनी नज़्मों में दफ़नाता हूँ..पहले ये दिल तेरे हवाले था..अब ये कब्रिस्तान भी तेरा हुआ..
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