Yogesh Mishra Gaurav   (Yogesh M Gaurav)
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Wish me on 1st of July.
#Diary_Writer
Joined 18 May 2018


Wish me on 1st of July.
#Diary_Writer
Joined 18 May 2018
23 FEB 2022 AT 12:41

क्यों मेरे विचार सिर्फ़ उसी उसी तक सीमित हैं,
जबकि उसे जीवन के सारे बदलाव स्वीकृत हैं।

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23 FEB 2022 AT 10:10

जिसका नाम लब पे आते ही आंखें नम हो जाती हैं,
वो अब शोर कर सबको नई पहचान बताती है।

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21 FEB 2022 AT 22:56

जो कभी हमेशा मुस्कुराते हुए चेहरे का राज़ पूछा करते थे,
आज आँसुओ से भरे नैनों में उसकी तस्वीर देख तसल्ली देते हैं।

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20 FEB 2022 AT 23:57

दे गया वो सबक़ ताउम्र के लिए,
कि मुलाक़ातें होती ही हैं बिछड़ने के लिए !!💔

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20 FEB 2022 AT 23:53

मैंने तेरे बाद किसी के साथ जुड़कर नहीं देखा,

मैंने तेरी राह तो देखी पर तूने मुड़ कर नहीं देखा!!💔

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20 FEB 2022 AT 23:42

हज़ारों ख़्वाब आंखो में कैद हो गए,

एक शख़्स ने कहा था अब आज़ाद है तू!!

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20 FEB 2022 AT 20:13

आज ख़ैरियत पूछी है तुमने तो,

हाल का अच्छा होना लाज़मी है।
💔

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20 FEB 2022 AT 0:23

ना रात कटती है और ना ही ज़िंदगी,

एक शख़्स वक्त को बहुत धीमा कर गया.. 🥺💔

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31 JAN 2022 AT 0:34

अपनी शादी का बुलावा देना मैं आऊंगा ज़रूर,
एक ही निवाला सही पर खाऊंगा ज़रूर।

तुम्हारे मेंहदी का रंग तुम्हारा शादी का जोड़ा देखना है,
मुझे बहुत करीब से तुम्हारा वो सांतवा फेरा देखना है।

शहनाई के शोर में तुम्हे कुछ सुनाई नहीं देगा,
मेरा दिल रोएगा मेरा आंसू तुम्हे दिखाई नही देगा।

किसी ने मेरी आंसुओं की वजह पूछी तो ये ज़िक्र तुम्हारा करेगा,
क्योंकि तुम्हारा झुमका अब किसी और को इशारा करेगा।

जब मुझसे नज़रे मिलाओगी तुम,
क्या मुझे रोता देख मुस्कुराओगी तुम।

लेकिन अपने आंखो में आंसू तुम बचा कर रखना,
उसका नाम तुम अपने मेंहदी में छुपा कर रखना।

तुम्हे आखरी दफा देखने का ये लम्हा भी गुजर जायेगा,
मेरा रंग तो तुम्हारे हल्दी से उतर जायेगा।

मैं अकेला तुम्हारे आस पास शहजादियां होंगी,
बारात आयेगी गली में आतिशबाजियां होंगी।

मुझे दूल्हे की शेरवानी उसका सेहरा देखना है,
जिसने मेरी मोहब्बत छीनी उसका चेहरा देखना है।

तुम्हारे खुशी के लिए मैं उसके साथ में नाचूंगा,
मेरा वादा है मैं तुम्हारे बारात में आऊंगा !!

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31 JAN 2022 AT 0:30

अपनी शादी का बुलावा देना मैं आऊंगा ज़रूर,
एक ही निवाला सही पर खाऊंगा ज़रूर।

उस दिन सबके सर पर सेहरे देखूंगा मैं,
पूरी रात रुक कर सातों फेरे देखूंगा मैं।

वो सात वचन जब लोगी तुम,
ईश्वर की कसम जब लोगी तुम।

तुम्हारी आंखों में शर्म देखनी है मुझे,
उस आग की लपटे भी चीख उठे अग्नि इतनी गरम देखनी है मुझे।

उस दिन के बाद हर रात में नाचूंगा मैं,
जिस दिन तुम्हारी बारात में नाचूंगा मैं।

कोई पूछेगा रूकसती के वक्त आंखो में आंसू क्यों नहीं,
मैं कह दूंगा मेरे मेहबूब की शादी है मैं नाचू क्यों नहीं।

ये आखरी मुलाकात है तो जी भर कर देखेंगे तुम्हे,
दिल तुम्हे रोकना चाहेगा मगर हम किस हक से रोकेंगे तुम्हे।

तुम्हारे बाद फिर कहां किसी की हसरत रहेगी,
खामखा उम्र भर मोहबत से नफरत रहेगी।

ख़ैर तुम्हे जाना है तो जाओ हम दुहाई नहीं देंगे,
तुम्हारे शादी में आएंगे पर बधाई नही देंगे।

अपनी शादी का बुलावा देना मैं आऊंगा ज़रूर,
एक ही निवाला सही पर खाऊंगा ज़रूर!!

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