Yashica Tripathi   (यशिका_त्रिपाठी ☔️)
69 Followers · 12 Following

A Poet's Soul with a Man's Attitude, Molded in a Girl's Frame

Instagram 🆔: kaala_akshar
Joined 23 November 2017


A Poet's Soul with a Man's Attitude, Molded in a Girl's Frame

Instagram 🆔: kaala_akshar
Joined 23 November 2017
12 JUL 2020 AT 23:00

मैं तुम्हारे साथ एकांत में अपने विचारों संग स्वच्छन्द विचरण कर पाती हूँ,
क्योंकि तुम मुझे देते हो मेरे होने का पूरा अवसर।

मैं शांत, मूक क्षणों में जीती हूँ, तो तुम उन क्षणों में मेरे डैनों को सहलाते हो।

मैं खिलखिलाती हूँ तो तुम मुझे देख अपनी हँसी से हमारी संगत को और दृढ़ बना देते हो।

पानी में छपाक मारती मैं, जिसके हर पग आगे बढ़ने से पहले तुम माप लेते हो गड्ढों की गहराई, ताकि न लगे कोई चोट मुझे,

तो कभी पीछे रहकर सजग रहते हो कि मैं फिसल जाऊँ भी तो तुम हो मुझे गिरने से पहले ही थाम लेने को।

प्रेम कालांतरों से पूर्ण है, प्रेम दो प्रेमियों के मिलते ही पूरा हो जाता है।
और वह पूर्वाग्रहों का ऋणी नहीं, वह स्वतंत्र होता है सभी आशंकाओं से।

जब प्रेमी अपनी प्रेमिका को प्रेम में उपहार स्वरूप आकाश देता है,
उसपर इंद्रधनुष बनाने को प्रेमिका घोलती है वो सारे रंग जिनसे प्रेम चरितार्थ हो जाए।

-


30 APR 2020 AT 15:52

प्रेम उलझा है अभी पीली बैरिकेड की बंदिशों में।
जहाँ प्रेम को सुरक्षित होना अत्यावश्यक है।
और अभी जीना है उसे बंद कमरों में,
घर की सीमाओं के भीतर।
सुननी हैं सारी चेतावनियाँ जिनसे सजग हो जीवंत और जीवित रहें।
हर एक श्वास को तोल-परखकर भीतर सींचना है।
प्रेम हर दिन अपने आप को पुख्ता कर रहा है।
जीने की शैली, रोज़ की खबरों में उम्मीद को खोजता हुआ,
रख रहा है फूंक-फूंक कर कदम।
जीना है प्रेम को अभी।
क्योंकि प्रेम जी रहा है बनते हुए इतिहास में।
कल को मिलना है तो आज को रुकना ही पड़ेगा।
क्योंकि अभी करना है आपातकाल का प्रेम।
विनाश को मात देने के लिए ये प्रेम ही एकमात्र चारा है।

-


26 APR 2020 AT 12:57

जो चीखते बेबाक़ हैं दुनिया की क़ैद में,
उन्ही परिंदों को चाहिए थी सुकून की सादगी।

-


13 MAR 2020 AT 15:18

बिछोह तब सबसे पीड़ादायक होता है जब हम उसकी चर्चा किसी से नहीं कर पाते।

-


9 FEB 2020 AT 22:47

आशाओं के कांधे पर बैठा व्यक्ति जी सकता है कब तक??
जब तक वो स्वयं को आशाओं के पूरा होने तक ढाँढस देता है,
जब तक स्वप्न की कथाएँ उसे यथार्थ में जीवंत लगती हैं,
जब तक प्रेम का पूर्ण विराम उसे नहीं मिल जाता अपनी खोज में,
तुम्हें पता है आशाओं के कंधे पर बैठा व्यक्ति कब तक जीता है???
वह जीता है अनंत तक..!!

-


9 FEB 2020 AT 21:48

मुकदमे होते गर एहसास को
पहुँची ठेस की बिनाह पर,
हर एक चौखट से दर्द अदालतों
में अपनी दान टटोलता..

-


29 JAN 2020 AT 23:00

चाँद पर बैठा वो डोरी थामा हुआ बच्चा,
सोच में होता है कि जल्द कोई सितारा आकर पकड़ लेगा डोरी का दूसरा छोर और वो बच्चा खेलेगा उस सितारे से पतंग-पतंग..
ऐसी पतंग जो हमेशा डोर से जुड़ी होगी।
वो चाँद मेरी उम्र है, वो डोर मेरी उम्मीदें, वो सितारा मेरा सपना और वो चाँद पर सवार बच्चा मैं हूँ।

-


24 DEC 2019 AT 15:42

रेल की पटरी के आस-पास
बिछे पत्थरों-सी रुकी मैं,
किसी तेज रफ़्तार रेल की तरह
मेरे पास से निकल जाता वो

-


16 DEC 2019 AT 14:26

किसी ताक़त को मुझपे भी रहम आ जाए,
कौन सा दर है अब जिसकी मैं मुरीद बनूँ

-


16 DEC 2019 AT 14:13

उसको हर हाल बहरहाल था समझा मैंने,
पर मेरे हाल से उसे कोई इत्तेफाक न था

-


Fetching Yashica Tripathi Quotes