जिंदगी के बताये हुवे रास्तो पे चल रहा
खुद की तलाश मे, खुद से ही लडराहा
होश में हूँ, में महेनत कर रहा
मदहोशी में सपने बुन्न रहा
मंजिल के इंतज़ार में
मैं सफर खो रहा,..
बनना था कुछ ओर, मैं आज कुछ ओर बनराहा हूँ
मेरी नाकामियाबीओ को मैं मज़बूरी का नाम दे रहा हूँ
ज़िन्दगी के बताये हुवे रास्तो पे चल रहा-
Likhavat muje ab mili h
Instagram @yash_writing
मुस्कराते चेरो के बिच मे खड़ा था
सब लोग खुश है मुझे यही लगता था ,
कोई ज़रूरतों के भोज से दबा था ..
तो कोई टूटे सपनो से नाराज़ था ,
थी किसी को चिंता अपनी मा की
कोई इश्क़ ...से परेशान था ,
था कोई शामिल खुद आज में ,
कोई खुद के कल से बंधा हुवा.-
चाहता था बहुत तुझे पहले ,
अब में तुझे लिख लेता हूँ ,
इज़हार बिना इंकार केसा ,
जब मन पड़े तुझे पढ़ लेता हूँ,-
एक दौर से में गुज़र रहा हूँ,
एक दौर मेरा गुज़र रहा था,
ये जो मेरी कमिया निकाल रहे लोग ,
इनका वक़्त भी मेरे नाम से गुज़र रहा,-
ना नूर नूरानी , ना चाँद सा निखार,
सादगी सी तस्वीर, चहेरे पे मुस्कान-
लिखदू तुजपे भी , यार वक़्त बिताया कम है!
वरना किताब लिखदू इतना तुझमें मे नूर है,-
तेरी शिकायतो से दिन, और तुझे मनाने मे रात गुज़र जाती
इस इश्क़ से में आज़ाद हुवा था,
तेरी हर ख्वाइशें पूरी की,खुद के सपनो को अधूरा रखा,
इस इश्क़ से मे आज़ाद हुवा था,
शामिल मेरी हर खुशी में करके, तकलीफो से अनजान रखा
इस इश्क़ से में आज़ाद हुवा था-
ज़िन्दगी ने दो दोस्त भेजे थे , वक़्त गुजारने!
आँशु और दर्द, अब मेरे करीबी बन चुके है.-
बुरा नहीं है, वक़्त तेरा
बुरा नहीं है वक़्त तेरा,
बस अब उम्मीद तुजसे ज्यादा है
पहले भी था लड़ा, अब तू अकेला सिपाई है
हार मानता नहीं यही पहचान बनाये रख,
संघर्ष अब भी जारी है, खुद से उम्मीद बनाये रख,
बुरा नहीं हे वक़्त तेरा, उम्मीद तुजसे ज्यादा है
मत कोस ना खुद को एक हार से,
उची उड़ान लगानी हे इस ऊंचे आसमान में,
लोगो से किये वाधो को एक तरफ़ा रखना,
अब खुद से वादा करना, खुद को आजाद रखना,
बुरा नहीं है वक़्त तेरा, उम्मीद तुजसे ज्यादा है
-
VIRAT
हर किसी को नाज़ था
जब में जीत पे सवार था,
हारा तो अकेला खड़ा ,
तब मे ही मेरा सहारा बना,
लड़ाई लड़ी अपने दम पे,
तब जाके मैदान मे नाम हुवा,
दुश्मनको ललकारना आदत मुझे,
तानो को तालियों में बदलना भी जानते है,
किसीने नसीब को तोला मेरे ,
किसने कमियों को ढूंढा,
नज़र ना गयी मेरी महेनत पे तब भी
जब मेने कामियाबीओ को छुआ,
सेनापति बनु या सिपाई रहू,
जूनून में फर्क नहीं दिखेगा ,-