कोई रंगो की खोज में ले कर सूरज निकला।गया जहां भी परछाई से सिर्फ काला रंग बिखरा॥कोई बैठा काले बदल में, दूर रंगो के लालच से।देख उसी की गोध से खुद इंद्रधनुष निकला॥ -
कोई रंगो की खोज में ले कर सूरज निकला।गया जहां भी परछाई से सिर्फ काला रंग बिखरा॥कोई बैठा काले बदल में, दूर रंगो के लालच से।देख उसी की गोध से खुद इंद्रधनुष निकला॥
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लम्बी से लम्बी दूरियाँ आजकल।मिनटो, घंटो, दिनो में तय हो जाती है।।पर इतनी दूरी तय कर के भी।क्या दूरियाँ कम हो पाती है ?? -
लम्बी से लम्बी दूरियाँ आजकल।मिनटो, घंटो, दिनो में तय हो जाती है।।पर इतनी दूरी तय कर के भी।क्या दूरियाँ कम हो पाती है ??
मैं कमज़ोर भी हूँ और मैं ही घनघोर भी हूँ।खुद को फूल समझने वाली, तुम मुझे बादल समझलो।मैं खुद रो भी सकता हूँ, और मैं तुमने भिगो भी सकता हूँ।। -
मैं कमज़ोर भी हूँ और मैं ही घनघोर भी हूँ।खुद को फूल समझने वाली, तुम मुझे बादल समझलो।मैं खुद रो भी सकता हूँ, और मैं तुमने भिगो भी सकता हूँ।।
कीमत जो भी हो, मुझे ऐसा इत्र चाहिए ।शीशी में क़ैद करके, माँ की सारी की ख़ुशबू लाइए ।। -
कीमत जो भी हो, मुझे ऐसा इत्र चाहिए ।शीशी में क़ैद करके, माँ की सारी की ख़ुशबू लाइए ।।
अब क्या ही कह दूँ मैं दिल की बात,दिल में कुछ भी तो बचा नहीं।जो जानते है वो पूछेंगे नहीं,और जो पूछ रहे है उन्होंने पढ़ा नहीं।। -
अब क्या ही कह दूँ मैं दिल की बात,दिल में कुछ भी तो बचा नहीं।जो जानते है वो पूछेंगे नहीं,और जो पूछ रहे है उन्होंने पढ़ा नहीं।।
मेरी कलम और सनम, बोहोत मिलते जुलते है,दोनो की शिकायत यही है कि मैं, वक्त नहीं देता।। -
मेरी कलम और सनम, बोहोत मिलते जुलते है,दोनो की शिकायत यही है कि मैं, वक्त नहीं देता।।
Destiny can play with your current address.But nothing can change your place of birth. -
Destiny can play with your current address.But nothing can change your place of birth.
मेरी गली...मेरा मोहल्ला...ये सिर्फ़ मेरा तो नहीं..पर आज भी पूरे हक़ से..इसे अपना बोल देता हूँ.. -
मेरी गली...मेरा मोहल्ला...ये सिर्फ़ मेरा तो नहीं..पर आज भी पूरे हक़ से..इसे अपना बोल देता हूँ..
शीशे में मेरे शराब थी,और पीना आदत ख़राब थी।शीशा ना आदत लगा बैठे,बस ये सोच के पी गया।। -
शीशे में मेरे शराब थी,और पीना आदत ख़राब थी।शीशा ना आदत लगा बैठे,बस ये सोच के पी गया।।
हाँ जनता हूँ कि इंसानों के लिए सबक ज़रूरी था,पर इतना कोहराम, के सबक सज़ा हो गया है।।राक्षसों ने हड़प लि हो कुर्सी वहाँ, तब तो सब लाज़िब है,मगर सत्ता तेरी ही है अगर अभी भी ख़ुदा, तो थोड़ा ज़्यादा हो गया है।। -
हाँ जनता हूँ कि इंसानों के लिए सबक ज़रूरी था,पर इतना कोहराम, के सबक सज़ा हो गया है।।राक्षसों ने हड़प लि हो कुर्सी वहाँ, तब तो सब लाज़िब है,मगर सत्ता तेरी ही है अगर अभी भी ख़ुदा, तो थोड़ा ज़्यादा हो गया है।।