तेरे जिस्म से बैर कर भी लूँतेरे मोह से कैसे बचूँगा,तेरे इश्क से तौबा कर भी लूँ, तेरी नफ़रत को कैसे सहूँगा | - Yansi Keim
तेरे जिस्म से बैर कर भी लूँतेरे मोह से कैसे बचूँगा,तेरे इश्क से तौबा कर भी लूँ, तेरी नफ़रत को कैसे सहूँगा |
- Yansi Keim