जब दूर थे, तो... अनकही बातें भी सुना, समझा, कह दिया ll अब करीब हैं, तो... सुन कर भी मुझे, अनसुना कर दिया ll जाने क्या बदल गया ये दिन, ये रात साथ हो कर भी मुझे, तन्हा कर दिया ll
जो फकत बरसता हुआ बादल है ll जिसमें दिल भीगता है डूबता है बहकता है जैसे कोई पागल है ll तेरी महकती हुई यादों से सनम दिल मेरा बे कल पल पल है ll कई रुप धर हँसाती रुलाती है तेरी याद बहोत ही चंचल है ll