अल्फ़ाज़ भी वही थे वक़्त भी वही थादरिया भी वही थी साहिल भी वही थाबस खामोश सी थी हमारी सांसे यारोंक्यों कि मोहब्बत ऐ दौर गया...बिछड़ने का ये वक़्त था। - www.hindiyans.com
अल्फ़ाज़ भी वही थे वक़्त भी वही थादरिया भी वही थी साहिल भी वही थाबस खामोश सी थी हमारी सांसे यारोंक्यों कि मोहब्बत ऐ दौर गया...बिछड़ने का ये वक़्त था।
- www.hindiyans.com