15 JUL 2018 AT 18:21

नस नस में बसा ।
जब चाहत का नशा ।।
मदहोश हो गया वो ।
आशिक बन गया जो ।
रियायत क्या,
खुद को ही लूटा गया वो ।।

- Utkarsh utthan