पहले फसलों को सूखा कर जला दिया,
अब तूने फसलों को डूबा कर तबाह किया,
अपनी कोमल बूँदो को तूने सैलाब में बदल दिया,
तेरे इस विकराल रूप ने मेरा पूरा गाँव खाली किया।

ऐ मेघ! मैं करता था विनती तेरे बरस जाने की,
पर अब करता हूँ करबद्ध प्रार्थना तेरे थम जाने की।

- नादान कलमकार