मैं, अधेंरा और मेरा सायावो हमेशा खुद को मेरा साया बताता थावक्त आया तो साया ही बन गयाअधेंरों के कोई साये नहीं होते।।--विष्णु प्रताप सिंह चौहान - Vishnu Pratap Singh
मैं, अधेंरा और मेरा सायावो हमेशा खुद को मेरा साया बताता थावक्त आया तो साया ही बन गयाअधेंरों के कोई साये नहीं होते।।--विष्णु प्रताप सिंह चौहान
- Vishnu Pratap Singh