इकट्ठा कर रही बेहतरीन अल्फ़ाज़फिर लेगी एक दिनहल,फावड़ा और कुदाल।ग़ज़ब की शख़्सियत हैंसाहित्य की बंजर भूमि पर वो बनेगी महान किसान और वहाँ अंकुरित होंगेएक दिन हैं सुगंधी,सतरंगी कविता के कानन। -
इकट्ठा कर रही बेहतरीन अल्फ़ाज़फिर लेगी एक दिनहल,फावड़ा और कुदाल।ग़ज़ब की शख़्सियत हैंसाहित्य की बंजर भूमि पर वो बनेगी महान किसान और वहाँ अंकुरित होंगेएक दिन हैं सुगंधी,सतरंगी कविता के कानन।
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ज़र्रा-ज़र्रा हवाओ का,हरा किया सिंचकर,अल्फ़ाज के दरिया को मुक़ाम नया दिया हैं।आप ने सरलता से इतना गहरा लिखकर,बहुतो को दरिया का गोताखोर किया हैं॥ -
ज़र्रा-ज़र्रा हवाओ का,हरा किया सिंचकर,अल्फ़ाज के दरिया को मुक़ाम नया दिया हैं।आप ने सरलता से इतना गहरा लिखकर,बहुतो को दरिया का गोताखोर किया हैं॥
मेरी मूढ़ बुद्धि नेहमेशा मृणाल शब्द का अर्थ मात्र “कमल नाल” से लिया।मुझे मेरे हिंदी शब्दकोश ने यही तो सिखाया था।लेकिनवास्तविकता में कीच से जीवन का अवशोषण करदेव पुष्प कमल को चेतन्य करती जीवन की परम परिभाषा हैं “मृणाल”जैसे शिशु के लिए “गर्भनाल” -
मेरी मूढ़ बुद्धि नेहमेशा मृणाल शब्द का अर्थ मात्र “कमल नाल” से लिया।मुझे मेरे हिंदी शब्दकोश ने यही तो सिखाया था।लेकिनवास्तविकता में कीच से जीवन का अवशोषण करदेव पुष्प कमल को चेतन्य करती जीवन की परम परिभाषा हैं “मृणाल”जैसे शिशु के लिए “गर्भनाल”
अधिकतम पुरुष अपनी माँ का सम्मान इसलिए नहीं करते किवो एक “स्त्री” हैं।वो इसलिए करते हैं किवो उनकी “माँ” हैं।स्त्री समानता की लड़ाई बीरबल की खिचड़ी है। -
अधिकतम पुरुष अपनी माँ का सम्मान इसलिए नहीं करते किवो एक “स्त्री” हैं।वो इसलिए करते हैं किवो उनकी “माँ” हैं।स्त्री समानता की लड़ाई बीरबल की खिचड़ी है।
स्त्री!इस बार जब भी तुम माँगोंतब सुख मत माँगना।तुम संतुलन माँगना,तुम्हें सुख स्वतः प्राप्त हो जाएगे।ईश्वर को संतुलन प्रिय हैं। -
स्त्री!इस बार जब भी तुम माँगोंतब सुख मत माँगना।तुम संतुलन माँगना,तुम्हें सुख स्वतः प्राप्त हो जाएगे।ईश्वर को संतुलन प्रिय हैं।
खामोशी से कटता नहीं मुहब्बत का रास्ता।सैकड़ों नज़र की हजार लुग़त होती हैं इस पर ॥ -
खामोशी से कटता नहीं मुहब्बत का रास्ता।सैकड़ों नज़र की हजार लुग़त होती हैं इस पर ॥
अपना एक हुस्न हैं मोहब्बत की रिवायात का।ये बदनामी का लश्कर साथ लेकर चलती हैं॥ -
अपना एक हुस्न हैं मोहब्बत की रिवायात का।ये बदनामी का लश्कर साथ लेकर चलती हैं॥
दिल्लगी के हज़ारों रास्ते थे उसके लिए।उसका दिल मेरे अफ़्कारो पर आया था॥~~~~~<<<<<००००>>>>>~~~~~~जो मुझ सा होकर मुझ में हो गया था।अब मेरा दिल भी मक्कारी पर आया था॥ -
दिल्लगी के हज़ारों रास्ते थे उसके लिए।उसका दिल मेरे अफ़्कारो पर आया था॥~~~~~<<<<<००००>>>>>~~~~~~जो मुझ सा होकर मुझ में हो गया था।अब मेरा दिल भी मक्कारी पर आया था॥
उसने मुस्कुरा कर तो मुझे मुश्किल में डाल दिया।उस के आँखों के तेवर मुझे अपनी हद बताते हैं॥ -
उसने मुस्कुरा कर तो मुझे मुश्किल में डाल दिया।उस के आँखों के तेवर मुझे अपनी हद बताते हैं॥
जब तुम यह तय कर देते हो कितुम्हें आने वाले दिन क्या-क्या करना हैं।तो उस समय तुम वास्तविकता मेंईश्वर के सामने समकक्ष खड़े होते हो। -
जब तुम यह तय कर देते हो कितुम्हें आने वाले दिन क्या-क्या करना हैं।तो उस समय तुम वास्तविकता मेंईश्वर के सामने समकक्ष खड़े होते हो।