दबाना चाहती है दुनिया हमे अपने झूठे रस्म-ऐ-रिवाज़ों से...कि रोक सके हमें अपनी मंज़िल हासिल करने से... - Vishal Prakash Sharma
दबाना चाहती है दुनिया हमे अपने झूठे रस्म-ऐ-रिवाज़ों से...कि रोक सके हमें अपनी मंज़िल हासिल करने से...
- Vishal Prakash Sharma