19 FEB 2018 AT 16:43

बाकी नहीं रहा है अब कुछ,कहने और सुनाने को!
हम दोनो हैं साथ हाँ केवल,दुनिया को दिखलाने को!
मेरी कभी ना तुमने समझी,इज्ज़त करने और कराने की!
जैसे चाहो जी लो अब तुम,क्या फायदा है समझाने का!

- जख़्मी पंडित