सुनो ! कुछ खुशिया रह गयी इसे भी साथ ले जाओइसपर अब एकाधिकार मुझे अच्छा नहीं लगतानफ़रत तो नहीं गम में ही जी रहा हूँ सुकून सेये तुम्हारा प्यार तुम्हे ही अब मुबारक़ होसच कहूँ तो मुझे अब सच्चा नहीं लगता है - विनय चतुर्वेदी
सुनो ! कुछ खुशिया रह गयी इसे भी साथ ले जाओइसपर अब एकाधिकार मुझे अच्छा नहीं लगतानफ़रत तो नहीं गम में ही जी रहा हूँ सुकून सेये तुम्हारा प्यार तुम्हे ही अब मुबारक़ होसच कहूँ तो मुझे अब सच्चा नहीं लगता है
- विनय चतुर्वेदी