इन तीनो से बेहतर,कोई कुछ और बतायइक वो,इक बारिश और इक प्याली चाय..♥️ -
इन तीनो से बेहतर,कोई कुछ और बतायइक वो,इक बारिश और इक प्याली चाय..♥️
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चलते सीना तान के,गर्व से सम्मान सेज़ुबाँ पे एक तीर रहे,मिलो तो थोड़ा ध्यान सेमिट्टी से छनकर आये,हम फौजी बनकर आयेजीते है चट्टान से,मरेंगे तो स्वाभिमान सेएक सिपाही खोया है,एक शहीद तो पाया है कई रावत अभी निकलेंगे,मेरे हिंदुस्तान सेकई रावत अभी निकलेंगे,मेरे हिंदुस्तान से...💔 -
चलते सीना तान के,गर्व से सम्मान सेज़ुबाँ पे एक तीर रहे,मिलो तो थोड़ा ध्यान सेमिट्टी से छनकर आये,हम फौजी बनकर आयेजीते है चट्टान से,मरेंगे तो स्वाभिमान सेएक सिपाही खोया है,एक शहीद तो पाया है कई रावत अभी निकलेंगे,मेरे हिंदुस्तान सेकई रावत अभी निकलेंगे,मेरे हिंदुस्तान से...💔
तेरे लिए बयाँ करने को लफ्ज़ भले चंद हैतू है किसी ग़ज़ल सी,जो बस मुझे पसंद है..♥️ -
तेरे लिए बयाँ करने को लफ्ज़ भले चंद हैतू है किसी ग़ज़ल सी,जो बस मुझे पसंद है..♥️
देखा जाए तो माँ में मा के ऊपर चाँद हैपर हमारे लिए तो चाँद से ऊपर माँ है... -
देखा जाए तो माँ में मा के ऊपर चाँद हैपर हमारे लिए तो चाँद से ऊपर माँ है...
लोकतंत्र नहीं चाहिएइतना कहने के लिए भी लोकतंत्र चाहिए -
लोकतंत्र नहीं चाहिएइतना कहने के लिए भी लोकतंत्र चाहिए
अंधो ने भविष्यवाणी की,गूंगे प्रवक्ता बनाए गएजिस जिस के ज़हन में सवाल आया..साहब ज़िंदा जलाए गए -
अंधो ने भविष्यवाणी की,गूंगे प्रवक्ता बनाए गएजिस जिस के ज़हन में सवाल आया..साहब ज़िंदा जलाए गए
जैसे जैसे वक्त गुजरता जा रहा है,इक ज़हर मेरे भीतर ठहरता जा रहा हैमै जितना बचाने की कोशिश करूंमेरे अंदर का इंसा क्यूं मरता जा रहा हैलगे जैसे तन्हाई की खाई मेंमेरी यादों का बस्ता गिरता जा रहा हैधूप को रोके बादल संग मिलकरइक अंधेरा इस ओर चलता आ रहा हैदरिया से बूंदे जो सूरज ने ली थीवो बादल सा बनकर,बरसता जा रहा हैशाखों का दर्द इक दर्द होता हैउसके सामने कोई पत्ता सड़ता जा रहा है -
जैसे जैसे वक्त गुजरता जा रहा है,इक ज़हर मेरे भीतर ठहरता जा रहा हैमै जितना बचाने की कोशिश करूंमेरे अंदर का इंसा क्यूं मरता जा रहा हैलगे जैसे तन्हाई की खाई मेंमेरी यादों का बस्ता गिरता जा रहा हैधूप को रोके बादल संग मिलकरइक अंधेरा इस ओर चलता आ रहा हैदरिया से बूंदे जो सूरज ने ली थीवो बादल सा बनकर,बरसता जा रहा हैशाखों का दर्द इक दर्द होता हैउसके सामने कोई पत्ता सड़ता जा रहा है
मेरे शहर में ये घटना अब आम हैरोशनी के नीचे होते,अंधेरे वाले काम हैअग्नि कुंड में जानकी,मंदिरो में श्री राम हैसूर्य भी थक जाता है,फिर किसको आराम हैदिन गरीबों का बना,अमीरों की तो शाम हैमै भी उनमें से एक हूं,हिंदोस्ता मेरा नाम है.... -
मेरे शहर में ये घटना अब आम हैरोशनी के नीचे होते,अंधेरे वाले काम हैअग्नि कुंड में जानकी,मंदिरो में श्री राम हैसूर्य भी थक जाता है,फिर किसको आराम हैदिन गरीबों का बना,अमीरों की तो शाम हैमै भी उनमें से एक हूं,हिंदोस्ता मेरा नाम है....
एक ओस की बूंद,करती है संघर्ष, पत्तों पर रहने के लिएइक वाष्प का संघर्ष, बादल बने रहने काएक सर्प का संघर्ष, बाज़ के पंजों से बचने के लिएउस सूरज की किरण का संघर्ष, सागर तल में जाने कावो इच्छा,वो प्रयास, वो जुनून वो आसपतझड़ में पत्ते का संघर्ष, अपनी शाख़ से जुड़े रहने कावहीं संघर्ष चाहिए, मुझमें,तुम में सब मेंकुछ कर गुजरने का........ -
एक ओस की बूंद,करती है संघर्ष, पत्तों पर रहने के लिएइक वाष्प का संघर्ष, बादल बने रहने काएक सर्प का संघर्ष, बाज़ के पंजों से बचने के लिएउस सूरज की किरण का संघर्ष, सागर तल में जाने कावो इच्छा,वो प्रयास, वो जुनून वो आसपतझड़ में पत्ते का संघर्ष, अपनी शाख़ से जुड़े रहने कावहीं संघर्ष चाहिए, मुझमें,तुम में सब मेंकुछ कर गुजरने का........
ये तुम हो या मै हूं इस बात में क्या रक्खा है,फासलों ने ही हमें,तुम्हारा बना रक्खा है।।जो पास आओगे तो उड़ जाएगा सारा जादू इश्क का,दूर हो तब इश्क ने खुद को जवां रक्खा है।।कलम चलती है हमारी तो हवाएं भी पूछती है वजहहमने इश्क में,ये रुतबा कमा रक्खा है।।किस धागे से जुड़े हो तुम हमसे क्या पताहमने तो हर धागा नसों से लगा रक्खा है।।अब मनाते नहीं हो तरस खाते हो तुम भीहमने भी रूठने से फासला बना रक्खा है।।हा खबर है हमें ये वक्त की जरूरत हैहमने बहुत पहले खुद को पाठ पढ़ा रक्खा है।। -
ये तुम हो या मै हूं इस बात में क्या रक्खा है,फासलों ने ही हमें,तुम्हारा बना रक्खा है।।जो पास आओगे तो उड़ जाएगा सारा जादू इश्क का,दूर हो तब इश्क ने खुद को जवां रक्खा है।।कलम चलती है हमारी तो हवाएं भी पूछती है वजहहमने इश्क में,ये रुतबा कमा रक्खा है।।किस धागे से जुड़े हो तुम हमसे क्या पताहमने तो हर धागा नसों से लगा रक्खा है।।अब मनाते नहीं हो तरस खाते हो तुम भीहमने भी रूठने से फासला बना रक्खा है।।हा खबर है हमें ये वक्त की जरूरत हैहमने बहुत पहले खुद को पाठ पढ़ा रक्खा है।।