बातों बातों में किसी ने आज ये एहसास करवाया, कि शायर की कलम से इतने दिन कुछ नहीं आया, उलझा हुआ किसी जद्दोजहद में कहीं है क्या वो, या फिर गहरे किसी ख़्याल ने है उसको डुबाया।
बारिश का मौसम कुछ अपना सा लगता है, क्योंकि दिलों के राज़ ये छुपा कर जो रखता है, बरसता ज़मीन पर है पर भीगा दिल को देता है, कुछ सोए हुए एहसास मन के जगा से देता है, बारिश का मौसम कुछ अपना सा लगता है।