Vibhor Dwivedi  
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Joined 12 January 2019


Joined 12 January 2019
3 SEP 2022 AT 1:19

उभरे तो आज भी नहीं है उन ज़ख्मों से बस
उन ज़ख्मों को छुपाने के लिए खुद की ज़िन्दगी पर ध्यान दे रहे हैं ....

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16 MAY 2022 AT 20:38

सबने मेरे गुस्से से मुझे परखा
पर
किसी ने भी मेरे गुस्से के पीछे के मेरे आसुओं को नहीं समझा ..

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30 APR 2022 AT 21:08

उनके प्यार में इतने दीवाने हो गए थे की
उनकी झूटी बातें भी सच्ची लगती थी
और
अपनों की सच बातें भी हमें झूटी लगने लग गयी थी!!

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28 APR 2022 AT 23:02

हम दिल को कितना भी समझा ले पर
वो हमेशा याद उसी को करता हैं जो उस्से दूर होता हैं !!!

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4 APR 2022 AT 23:16

तक़दीर के खेल में ऐसे फसें ना प्यार मिला ना लोगों का साथ !!

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4 APR 2022 AT 14:10

सबकी नज़रों के सामने होने के बाद भी सबकी नज़रों से ओझल हूँ में
इसलिए मैं अकेला हूँ में...

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28 MAR 2022 AT 1:42

हमारी जगह पर कभी खुद को रख कर देखना..
उस दिन हमारी ख़ामोशी का जवाब तुम्हें मिल जाएगा:

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28 MAR 2022 AT 1:37

तुम हमारे जैसे कभी नहीं बन पाओगे !!
क्योंकि
हम बिखरे हैं इसलिए खुद को समेटना जानते हैं
गिरे बहुत हैं इसलिए खुद को उठाना जानते हैं..

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21 MAR 2022 AT 22:05

मतलब तो हैं सबको मुझसे,क्योंकि
सबको अपना मतलब जो पूरा करवाना हैं मुझसे :

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17 MAR 2022 AT 13:58

ख़ामोशी में भी बहुत कुछ कहने का मन करता हैं..
पर क्या करे सुनने वाला ही कोई नहीं रहता हैं :

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