दुखियो के इस शहर में
मैं सूखयारा कौन हूंँ,
सब सुना रहे अपनी व्यथा
सिर्फ मैं, मौन हूँ,
मैं भी मौन नहीं शायद
खुद से बातें कर खुद को तसल्ली देता हूँ,
मैं जानता हूँ इन सुनने वालों को
इसलिए अपनी पीड़ा खुद सह लेता हूँ।।
वेद प्रकाश-
Future poet,
A kid and mature person,
Love to write,
Love to express my feeling throu... read more
जगमग जगमग दिप जले जब,
दिखे अंधेरा अगर कहीं तब,
खुद को भुल दौर कर जाना,
अबकी बार दिपावली ऐसे मनाना,
अमावस की काली रातों को,
दिप जला तुम दूर भगाना,
अबकी बार दिपावली ऐसे मनाना,
दिखे अगर प्रहरी कुटुबं,
सम्मान में सर निचे झुकाना,
विरों के रक्त से जो भुमि हो सिंचित,
एक दिपक वहाँ जलाना,
अबकी बार दिपावली ऐसे मनाना,
अन्नदाता के चरणों को छू,
आजीवन आभार जताना,
अबकी बार दिपावली ऐसे मनाना,
असहाय के जीवन से,
निराशा को तुम दूर भगाना,
मिले अगर मधुर व्यंजन,
भुखो के संग बांट कर खाना,
अबकी बार दिपावली ऐसे मनाना,
मिले बुराई/झूठ तुम्हे तो क्या फिर,
लेकिन अच्छाई/सच्चाई का तुम पाठ पढाना,
अबकी बार दिपावली ऐसे मनाना,
मिले तुम्हे रावण लाख तो क्या फिर,
पर इस दफा तुम राम बन जाना,
निंदक मिले अगर जमाना,
जवाब में तुम शांत हो मंद मुस्काना,
अबकी बार दिपावली ऐसे मनाना।।-
चाँद की चौखट पे चंद्रयान
मन में हैं उल्लास जो भरा,
चंद्रयान चाँद की चौखट पे जो खड़ा,
रचना है ईतिहास आज ये,
चाँद से होगा आज संवाद ये,
चंद्रयान उतरने के बाद में,
धरती से ना रहेगी चाँद की दूरी,
चंद्रयान की उद्देश्य जो होगी पुरी,
गौरवान्वित हो जायेगा पल,
चाँद भी लगने लगेगा सरल,
विश्व भी सम्मान में सर झुकाएगा,
जब भारतीय ध्वज चाँद पे लहरायेगा,
तिन रंग, एक चक्र, विश्व गुरु बनने की ओर,
शांति संदेश वक्ता भारत, नापेगा चाँद का अंतिम छोर,
मंगल के बाद है चाँद की बारी,
हिन्दोस्ताँ की ऐसी हो गई अंतरिक्ष से यारी।।
वेद प्रकाश
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कौन किसकी सुनें सब इसी कश्मकश में हैं,
कौन बनता है प्रबल, कौन किसकी बस में हैं,
चाहत तो है दिलों में भरा,
लेकिन कौन करे पहल सब इसी सामंजस्य में हैं।
वेद प्रकाश-
कश्मीर से धारा 370 हट गई यह तो अच्छी बात है, लेकिन जीवन, राष्ट्र और संवेदना हमारे परिहास से कहीं ऊपर है तो कृपया कश्मीर मुद्दे पर परिहास बंद कीजिए, आप लोग जो राष्ट्रभक्ति प्रदर्शित कर रहे हैं जो यह दिखावा कर रहे हैं सोशल मीडिया पर की "चलो कश्मीर में ससुराल होगा", "कश्मीर मैं प्लॉट खरीदेंगे" यह सब बकवास बंद करें, स्थिति सामान्य होने तक सभी के संवेदनाओं का सम्मान करें आपके आसपास जो भी जम्मू-कश्मीर के हैं उनकी मदद करें क्योंकि वह अपने घर परिवार से बात नहीं कर पा रहे होंगे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं अतः आप लोग जो जम्मू कश्मीर का मजाक उड़ा रहे हैं वह कृपया बंद करें जम्मू कश्मीर हमारा क्षेत्र है और हम अपने क्षेत्र का मजाक क्यों उड़ा रहे हैं हम सभ्य भारत के सभ्य नागरिक हैं और हमारे यहां संवेदनाएं परिहास से कहीं ऊपर होती हैं। उम्मीद है हम सभी देशवासि मीलकर अपने कश्मीर के लोगों की मदद करेंगे और किसी भी विकट परिस्थिति में हम अपने लोगों और अपने देश के लिए खड़े रहेंगे।
जय हिंद, भारत माता की जय 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳-
मेरी खामोशी की पनाह मे तुम शोर मचाना,
ऐसे मेरे ख्वाबों से हकीकत में आना।-
शिकवा उन्हे भी है हम से और शिकवा हमे भी है उनसे,
फर्क सिर्फ इतना है की हम करते नहीं और वो शिकवा करना छोड़ते नहीं।-
जख्म-ए-दिल का मरहम तलाश रहा हूँ
बेगैरत सा वक्त कुछ यू काट रहा हूँ
ख्वाहिशे दबा के दिल की
शिथील जनों को मोहब्बत बांट रहा हूँ-
खोने लगा हूँ खुद को मैं
पता नही क्यु, तु मुझमे बढ गइ हैं
या मैं खुद में कम हो गया हुँ||-